Himachal News (आज समाज), शिमला। हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इम्प्लॉइज यूनियन ने बिजली बोर्ड की वर्तमान स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। यूनियन के मुताबिक उसने इन अधिकारियों की डेढ वर्ष की कार्यप्रणाली से बोर्ड व प्रदेश की जनता को हुए नुकसान पर एक चार्जशीट तैयार करवाकर आगामी कार्यवाही के लिए सरकार को भेजी है, लेकिन उस पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है।
इसे देखते हुए यूनियन ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर न्यायिक जांच करवाने का फैसला लिया है। यूनियन की राज्य कमेटी की रविवार को हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए यूनियन के अध्यक्ष केडी शर्मा ने वर्तमान विपरीत हालात को पिछले 53 वर्ष के बिजली बोर्ड के कार्यकाल की सबसे दयनीय स्थिति बताया और इसके लिए सीधे-सीधे प्रदेश सरकार को दोषी ठहराया।
यूनियन ने खेद जताया कि बिजली बोर्ड जैसी बड़ी संस्था को प्रदेश सरकार द्वारा पिछले डेढ़ वर्ष से एडहॉक प्रबन्धन से चलाया जा रहा है जो वर्तमान में पैदा हुए हालात के लिए सीधे-सीधे जिम्मेदार है। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष केडी शर्मा ने कहा कि बोर्ड़ में लंबे समय से अस्थायी प्रबंधन के चलते आज बोर्ड का जिम्मा जिन अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार के रूप में दिया गया है, उनके द्वारा पिछले डेढ़ साल से राज्य ऊर्जा क्षेत्र को एक प्रयोगशाला बनाकर रखा है जिसके चलते सभी व्यवस्थित स्थितियों को अव्यवस्थित किया जा रहा। इसमें सबसे बड़ा खामियाजा बिजली बोर्ड और इसके कर्मचारियों व पेंशनर्ज को भुगतना पड़ रहा है।