अजय त्रिवेदी
(Stampede in Maha Kumbh) मौनी अमावस्या केस्नान पर प्रयागराज महाकुंभ में जमा करोड़ों की भीड़ के बीच भगदड़ मचने से दर्जनों लोगों की मौत हो गयी जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हालांकि प्रशासन की ओर से मरने वालों की आधिकारिक संख्या 30 बताई गयी है जबकि 36 घायलों का इलाज चलने की बात कही गयी है। हादसा मंगलवार की देर रात एक बजे हुआ जब मौनी अमावस्या की सुबह स्नान के लिए लाखों लोग जमा हो गए थे। इसी बीच लाउडस्पीकर पर पहले स्नान कर लेने की अपील जारी होने लगी और लोग संगम नोज की ओर तरफ बढ़ने लगे। इसी आपा-धापी में किनारों पर लेटे लोग कुचलने लगे और भगदड़ मच गयी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक 50 एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंचीं
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक 50 एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंचीं और मृतकों व घायलों को लेकर अस्पताल गयीं। संगम पर हुयी भगदड़ और मौतों के चलते मौनी अमावस्या को तड़के शुरु होने वाला अमृत स्नान संतो के अखाड़ों ने पहले टाल दिया। अखाड़ों ने स्थिति सामान्य होने व संगम क्षेत्र को खाली कराने के बाद बुधवार दोपहर में स्नान किया। बुधवार दोपहर तीन शंकराचार्यों के साथ सभी प्रमुख आश्रमों , संपर्दायों के संतों ने संगम में स्नान किया।प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं और तत्परता की वजह से बड़े हादसे को सीमित कर दिया। उन्होंने कहा कि घटना में प्रभावित लोगों को बचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दो से तीन मिनट के भीतर 50 से अधिक एंबुलेंस संगम नोज पर पहुंच गईं। लोगों की जान बचाने के लिए एम्बुलेंस से 100 से अधिक राउंड लगाए गए। इसके साथ ही दो से तीन मिनट के भीतर एक्सपर्ट डॉक्टरों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला।
बुधवार शाम तक करीब 10 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई
इस मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस टीम भी चिकित्सकों के साथ घायलों की मदद में जुटी रही।हादसे के बाद प्रयागराज को आ रहे सभी वाहनों को बाहर ही रोक दिया और किसी भी वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी। इन सबसे बाद भी बुधवार शाम तक करीब 10 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। मौनी अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ वाराणसी के काशी विश्वनाथ और अयोध्या में राम मंदिर दर्शन के लिए भी पहुंची। वाराणसी में भीड़ के दबाव को देखते हुए मंगलवार रात से ही शहर में बाहर के वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया था जबकि अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से ही दर्शन के लिए कुछ दिन बाद आने की अपील जारी की गयी थी।
इसके बावजूद अयोध्या में मौनी अमावस्या को 50 लाख लोग पहुंचे जबकति वाराणसी में 15 लाख लोग दर्शन के लिए पहुंचे।मौनी अमावस्या को प्रयागराज जाने वालों की भारी तादाद को देखते हुए सीमावर्ती जिलों में एलर्ट किया गया था और देर रात से प्रयाग को जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया गया गया था। प्रयागराज सहित वाराणसी, अयोध्या, ,ल्तानपुर और जौनपुर आदि जिलों में स्कूल, कालेजों में छुट्टी कर दी गयी थी।
उधर महाकुम्भ 2025 के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर बुधवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे अखाड़ों के साधु, संतों, नागाओं और श्रद्धालुओं पर योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई। हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई। पुष्प वर्षा के लिए उद्यान विभाग ने 25 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की व्यवस्था की थी।
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