पीएम मोदी ने आज राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यहां की स्थायित्व और विविधता इस सदन की खूबसूरती है। इस सदन के 250 वे सत्र में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है। लोग आएंगे जाएंगे लेकिन यह व्यवस्था ऐसी ही बनी रहेगी। इस सदन में इतने अनुभवी व्यक्ति बैठे थे कि किसी ने भी शासन में निकुंशता नहीं आने दी। इस पर हमे गर्व होना चाहिए। राज्य सभा संघीय ढ़ाचे की आत्मा है। डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था कि हमारे विचार, हमारा व्यवहार और हमारी सोच ही दो सदनों वाली हमारी प्रणाली को साबित करेगी। हम पहली बार अपने प्रणाली में दो सदनों की शुरुआत कर रहे हैं। हम अपनी सोच समझ से देश इस व्यवस्था को साबित करें। इस सदन की आने वाली पीढ़ी को भी राधाकृष्णन की अपेक्षाओं को पूरा करें। तीन तलाक का बिल इसी सदन ने पास किया और महिलाओं को सशक्त किया। इसी सदन ने 10 फीसदी गरीब सवर्ण को आरक्षण का बिल पास किया। इसी सदन ने आर्टिकल-370 हटाने का ऐतिहासिक कार्य भी किया। इसी सदन ने देश को दिशा भी दी है। राज्य और केंद्र मिलकर ही देश को आगे ले जा सकते हैं। देश का विकास और राज्य का विकास दो अलग चीजें नहीं है। जब राज्य का विकास होगा तभी देश का विकास होग। दो सौ सत्र में अटल जी ने कहा था कि हमारे संसदीय लोकतंत्र की सेकेंड चैंबर मौजूद है। सेकेंड हाउस को सेकेंड्री हाउस बनाने की कोशिश न करे। मैं कहूंगा कि राज्यसभा सेकेंड हाउस है लेकिन यह सेकेंड्री कभी भी नहंी है। लेकिन देश के विकास के लिए सपोर्टिव हाउस बना रहेगा। अटल जी ने कहा था कि नदी का प्रवाह तभी तक सही है जब तक उसके दोनों किनारे सही रहे। राज्यसभा और लोकसभा दो किनारे हैं। उन्होंने कहा कि एनसीपी और बीजेडी से सीखना चाहिए कि इनके सदस्यों ने कही वेल नहीं ली। वेल में नहीं आकर भी दिल जीता जा सकता है।