नई दिल्ली। यूपी के नोयडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को आखिरकार सस्पेंड कर दिया गया। योगी सरकार ने आईपीएस आॅफिसर और नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के कारण सस्पेंड किया है। गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करना सर्विस रूल का उल्लंघन है जिसकी वजह से उन्हें निलंबित किया गया है। बता दें कि वैभव कृष्ण के कथित वीडियो भी वायरल हुए थे। इन सब के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों को इधर से उधर किया। कई आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए गए। गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को हटा कर आगरा स्थित पीएसी की 15वीं बटालियन में भेजा गया है। जबकि उनकी जगह लखनऊ एसएसपी कलानिधि नैथानी को गाजियाबाद भेजा गया है। इन तबादलों के साथ ही यूपी सीएम ने तीन सदस्यों की उच्चस्तरीय टीम का गठन किया है जो पांच आईपीएस अधिकारियों पर गोपनीय रिपोर्ट में लगे आरोपों की जांच करेगी। कमेटी के अध्यक्ष सर्तकता विभाग के निदेशक एचसी अवस्थी होंगे, जबकि आईजी एसटीएफ अमिताभ यश और प्रबंध निदेशक जल निगम विकास गोठलवाल सदस्य होंगे। बता दें कि अभी लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी की तैनाती नहीं की गई है। बता दें कि गलत तरीके से ठेके लेने के मामले में नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) द्वारा शासन को भेजे गए गोपनीय दस्तावेज मीडिया में लीक होने की घटना को डीजीपी ने गंभीरता से लिया और नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण से नाराजगी जाहिर कि तथा यह भी पूछा था कि उन्होंने वह गुप्त जानकारी क्यों वायरल की। गौरतलब है कि डीजीपी ने बीते शुक्रवार को एक प्रसे कांन्फ्रेंस की और कहा कि हम लोगों का मानना है कि एसएसपी नोएडा ने एक अनाधिकृत संवाद किया। यह सेवा नियमों के खिलाफ है, इसीलिए हमने आईजी (पुलिस महानिरीक्षक) मेरठ से कहा है कि उनसे यह पूछा जाए कि उन्होंने गोपनीय दस्तावेज को क्यों वायरल किया या उसे किसी को दिया।