रोक लगाने के पीछे जताई ये शंका
आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
आज विश्व सबसे ज्यादा अगर किसी रोग से जूझ रहा है तो वह रोग कोरोना वायरस के कारण पैदा हुआ है। विश्व के अरबों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। लाखों लोग अपनी जान गवा चुके हैं। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत, अमेरिका सहित कई देश वैक्सीन तैयार करने पर लगे हुए हैं। इनमें से रूस ने भी वैक्सीन तैयार की है। जोकि स्पूतनिक वी के नाम से विश्व में जानी जाती है।
Sputnik-V दक्षिण अफ्रीका के बाद नामीबिया ने लगाई रोक
रूस अपनी वैक्सीन को जहां पूरी तरह से सुरक्षित मान रहा है वहीं दक्षिण अफ्रीका के बाद एक अन्य अफ्रीकी देश नामीबिया ने भी इस रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी के इस्तेमाल पर रोक लगाने की घोषणा कर दी है।। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। कुछ समय पहले ही दक्षिण अफ्रीका ने स्पूतनिक वैक्सीन को लेकर चिंता जाहिर की थी जिसके बाद नामीबिया में भी इसके इस्तेमाल पर रोक लगाया जाएगा।
Sputnik-V यह डर बन रहा कारण
वैक्सीन पर रोक लगाने के पीछे यह माना जा रहा है कि स्पूतनिक-वी वैक्सीन लेने वाले पुरुषों में एचआईवी होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। स्पूतनिक-वी वैक्सीन को विकसित करने वाले जमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने हालांकि इस फैसले पर नाखुशी जाहिर की है। इंस्टीट्यूट ने कहा है कि नामीबिया का फैसला किसी साइंटिफिक एविडेंस या रिसर्च पर आधारित नहीं है।दक्षिण अफ्रीकी नियामक बोर्ड ने फैसला लिया है कि वह अपने देश में स्पूतनिक-वी के आपात इस्तेमाल को मंजूरी नहीं देगा।
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