Spiritual And Heritage Tourism: स्प्रिचुअल व हेरिटेज टूरिज्म का आकर्षण

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Spiritual And Heritage Tourism स्प्रिचुअल व हेरिटेज टूरिज्म का आकर्षण
Spiritual And Heritage Tourism: स्प्रिचुअल व हेरिटेज टूरिज्म का आकर्षण

Spiritual And Heritage Tourism Attraction, डॉ दिलीप अग्निहोत्री, (आज समाज): विश्व के अनेक देशों की अर्थव्यवस्था में पर्यटन व तीर्थाटन का विशेष योगदान रहता है। इसके लिए इन देशों ने योजनबद्ध ढंग से प्रयास किया। अपनी आध्यात्मिक, ऐतिहासिक व प्राकृतिक धरोहरों को सजाया-सँवारा, वहां विश्व स्तरीय सुविधाओं व संसाधनों का विकास किया। इसके कारण अनेक स्थानों को विश्व स्तरीय प्रतिष्ठा मिली।

तीर्थाटन व पर्यटन पर अत्यधिक जोर दिया गया

स्वतंत्रता के बाद भारत के लिए भी ऐसा करने का अवसर था, लेकिन सरकारों द्वारा कतिपय मध्यकालीन इमारतों के अलावा अन्य ऐतिहासिक स्थानों के विकास पर उचित ध्यान नहीं दिया गया। सरकार ने तीर्थाटन व पर्यटन पर अत्यधिक जोर दिया। इस विषय को प्राथमिकता में शामिल किया। अनेक सर्किट का निर्माण चल रहा है। इक्ष्वाकुपुरी के रूप में सरयू के तट पर एक आध्यात्मिक सांस्कृतिक नगरी की स्थापना की जाएगी। इसे विकसित करने के लिए नुजूल, वन और उद्यान विभाग की भूमि उपयोग में लाई जाएगी। इस हरित नगरी में निर्मित क्षेत्रफल अधिकतम पांच प्रतिशत होगा।

अपने को श्री राम का वंशज मानते हैं विश्व के अनेक देशों के लोग

इक्ष्वाकुपुरी का विकास पूर्व एशियाई हिंदू वास्तुशैली और भारत की तीनों नागर, द्रविड़ और बेसर के मिश्रण से किया जाएगा। भवन निर्माण की अन्य प्राचीन शैलियों का भी प्रयोग होगा। विश्व के अनेक देशों के लोग अपने को श्री राम का वंशज मानते हैं। उन्होंने अपनी शैली में श्री राम के प्रतीक स्थापित किया। उनका भी इसमें प्रयोग होगा। इस प्रकार इस नगरी से अनेक देशों के लोगों भावनात्मक लगाव बढ़ेगा।

यूपी में पर्यटन की अपार संभावना

गत वर्ष उत्तर प्रदेश में करीब पचास करोड़ पर्यटक आए थे। यह प्रदेश की आबादी से लगभग दोगुनी संख्या है। यह उत्तर प्रदेश में पर्यटन की सम्भावनाओं को दर्शाता है। इनमें से अधिकांश पर्यटक स्प्रिचुअल टूरिज्म के क्षेत्र में आए थे। मुख्यमंत्री ने ह्यईको पर्यटन संवादह्ण कार्यक्रम को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र ईको पर्यटन विकास बोर्ड के ह्यलोगोह्ण का अनावरण किया। नई ईकोपर्यटन इकाइयों की स्थापना करने वाले महानुभावों का सम्मान किया। गत वर्ष काशी में दस करोड़ से अधिक, मथुरा-वृन्दावन में साढ़े सात करोड़ से अधिक तथा अयोध्या में पांच करोड़ से अधिक पर्यटक आए थे।

अयोध्या धाम में कई गुना बढ़ गई है पर्यटकों की संख्या

पांच सौ वर्षों के बाद अयोध्या धाम में प्रभु श्रीरामलला के अपनी जन्मभूमि पर विराजमान होने के उपरान्त पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। प्रतिदिन औसतन डेढ़ से दो लाख पर्यटक अयोध्या धाम आ रहे हैं। इसमें अभी और बढ़ोत्तरी होनी है। प्रदेश में नैमिषारण्य, चित्रकूट, शुकतीर्थ, माँ विन्ध्यवासिनी धाम, माँ पाटेश्वरी धाम, माँ शाकुम्भरी धाम, बौद्ध तीर्थ स्थल कपिलवस्तु, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती तथा संकिसा सहित जैन तीर्थ स्थलों एवं सूफी परम्परा से जुड़े स्थलों के रूप में स्प्रिचुअल टूरिज्म की अनेक सम्भावनाएं पहले से ही मौजूद हैं। इससे यह भी पता चलता है कि उत्तर प्रदेश मानव सृष्टि और जीव सृष्टि का उद्गम स्थल है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण जनपद सोनभद्र के फॉसिल्स पार्क है। यह उतने ही पुराने हैं, जितनी जीव सृष्टि है। यहां लगभग एक सौ पचास करोड़ वर्ष पूर्व के फॉसिल्स पाए जाते हैं।

प्रदेश में पंद्रह हजार वर्ग किमी क्षेत्र की वन सम्पदा

प्रदेश में स्प्रिचुअल टूरिज्म के साथ ही हेरिटेज और ईको टूरिज्म की भी सम्भावनाएं मौजूद हैं। श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी तथा पीलीभीत सहित प्रदेश में पंद्रह हजार वर्ग किमी क्षेत्र की वन सम्पदा है। यहां पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व के वन मौजूद हैं। प्रदेश सरकार वर्तमान में चित्रकूट और बिजनौर के अमानगढ़ में टाइगर रिजर्व के कार्य आगे बढ़ा रही है। उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म की सम्भावनाओं को देश व दुनिया के सामने लाने, लोगों का इसके प्रति आकर्षण बढ़ाने, मनोरंजन, ज्ञानवर्धन करने, अपने अतीत और इतिहास के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करने तथा भावी चेतावनी के प्रति सभी को जागरूक करने की दृष्टि से उत्तर प्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड का गठन किया गया है।

लखनऊ में कुकरैल के पास बनायी जा रही नाइट सफारी

लखनऊ में कुकरैल के पास नाइट सफारी बनायी जा रही है। यहां कुकरैल नदी को पुनर्जीवित किया जा रहा है। यह नदी कभी आदि गंगा गोमती की सहायक नदी थी। गोमती पीलीभीत से निकलकर वाराणसी के निकट माँ गंगा से मिलती है।प्रदेश में ईको टूरिज्म के क्षेत्र में अनेक कार्य प्रारम्भ किए गए। दुधवा, पीलीभीत टाइगर रिजर्व तथा सोहागी बरवा में अनेक कार्य हुए हैं। लोग यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य का लाभ उठाने आ रहे हैं। उन्हें प्रकृति को देखने का अवसर प्राप्त हो रहा है। लखनऊ की तुलना में दुधवा में तापमान बहुत कम रहता है। यह प्रकृति के सान्निध्य में ही सम्भव है।प्रदेश सरकार ने पर्यटन स्थलों पर कनेक्टिविटी के प्रयास प्रारम्भ किए हैं।

लखीमपुर खीरी में पुरानी एयर स्ट्रिप को एयरपोर्ट बनाने जा रहे

लखीमपुर खीरी में पुरानी एयर स्ट्रिप को एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने जा रहे हैं। यहां रेलवे के सहयोग से एक हॉलिडे ट्रेन प्रारम्भ की गयी थी। इसे और अच्छे ढंग से प्रस्तुत करने का हमारा प्रयास है।उत्तर प्रदेश में स्प्रिचुअल टूरिज्म के साथ ही हेरिटेज टूरिज्म के विकास के लिए भी कार्य प्रारम्भ हुए हैं। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किलों, ऐतिहासिक इमारतों को होटल तथा पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के प्रयास किए गए हैं। प्रदेश में अलग-अलग जनपदों में अलग-अलग सम्भावनाएं हैं। पर्यटन से जुड़े लोगों का सहयोग और सक्रियता इन सम्भावनाओं को आगे बढ़ा सकता है।