नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को राज्यसभा में एसपीजी संशोधन बिल पास हो गया। एसपीजी बिल पर राज्यसभा में बहस के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रश्नों का उत्तर दिया और कहा कि हम परिवार का नहीं, परिवारवाद का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके पहले चंद्रशेखर जी, वीपी. सिंह, नरसिम्हा रावजी और आईके गुजराल जी और मनमोहन सिंह की सुरक्षा को भी बदला गया। उन्हें अब जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है। इनके दौरान तो कांग्रेस ने कोई नाराजगी नहीं जाहिर की लेकिन जब गांधी परिवार की सुरक्षा में बदलाव किया गया तो कांग्रेस की नाराजगी दिख रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कभी भी सिक्योरिटी स्टेटस सिंबल नहीं हो सकती है।
इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि इस बिल का नुकसान तो सबसे पहले पीएम मोदी को ही होना है। क्योंकि पांच साल बाद उनकी एसपीजी सिक्योरिटी चली जाएगी। इससे पहले राज्यसभा में एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के विवेक तनखा ने कहा कि यह विधेयक राजनीति से प्रेरित हो कर लाया गया है जबकि सुरक्षा का मुद्दा पार्टी आधारित राजनीति से बहुत ऊपर होता है। उन्होंने कहा कि 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एसपीजी का गठन हुआ। जब कानून बना तो प्रधानमंत्री और उनके परिवार को इसकी सुरक्षा के दायरे में लाया गया। ‘1989 में सरकार बदल गई। सबको पता था कि राजीव गांधी की जान को खतरा है। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार से अनुरोध भी किया गया। अंतत: 1991 में राजीव गांधी की हत्या हो गई। देश ने एक युवा नेतृत्व खो दिया।’