Special Importance Of Bathing In The Month Of Kartik : कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने यमुना में लगाई डुबकी, कई वर्षों का टूटा रिकार्ड

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Special Importance Of Bathing In The Month Of Kartik
  • गंदगी फैलने से श्रद्धालुओं की भावनाओं को पहुंची ठेस, केन्द्र व राज्य सरकार सहित संस्थाओं को कोसा

Aaj Samaj (आज समाज),Special Importance Of Bathing In The Month Of Kartik, पानीपत : सोमवार को कार्तिक माह की पूर्णिमा के पावन पर्व पर यमुना नदी मे स्नान करने वालो की पूरा दिन लाईन लगी रही। यमुना पुल पर मेले व भण्डारे का भी आयोजन किया गया। श्रद्धालु स्नान के लिए सुबह चार बजे से ही यमुना नदी पर आना शुरू हो गए थे। वर्ष में एक बार आने वाली कार्तिक माह की पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्रद्धालु दूर दराज से निजी व किराए के वाहनों से यमुना नदी पर पहुंचे और पूरी आस्था के साथ यमुना में स्नान कर पूजा अर्चना कर सुख शान्ति की कामना की और श्रद्धा पूर्वक दान कर प्रसाद वितरित कर दीप दान किए। यह सिलसिला पूरा दिन चलता रहा।

 

कार्तिक माह में स्नान का विशेष महत्व

जलालपुर प्रथम गांव के सरकारी स्कूल के पूर्व संस्कृत अध्यापक व प्रखण्ड विद्वान पण्डित सत्यनारायण शास्त्री ने बताया कार्तिक माह में स्नान का विशेष महत्व है, इस दिन यमुना नदी में स्नान करने के बाद दीप व अन्य वस्तुओं का दान करने से बहुत बडे पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान की विशेष कृपा होती है। ज्योतिषाचार्य पण्डित भगतराम शास्त्री जलालपुर प्रथम ने श्रद्धालु पूरा काॢतक माह सूर्योदय से पहले उठकर यमुना नदी में सुबह स्नान करते है और पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर भगवान सत्यनारायण की कथा कर विशेष पूजा करते है शास्त्री ने बताया कि कार्तिक माह की पूर्णिमा पर गंगा, यमुना, सरस्वती के दर्शन मात्र से भी पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

 

 

Special Importance Of Bathing In The Month Of Kartik

वाहनों की लगी लंबी कतार, राहगीर रहे परेशान

कार्तिक माह की पूर्णिमा के शुभ अवसर पर यमुना नदी मे स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का पूरा दिन जमावड़ा लगा रहा,जिससे पानीपत हरिद्वार रोड पर जाम लगने से दूर दूर से आए श्रद्धालु जाम में फंस गए। वाहनों की लंबी कतार को देखकर पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभाला और बडी मशक्कत के बाद जाम पर काबू पाने की कोशिश की। लेकिन श्रद्धालुओं और वाहनों की लगातार बढ़ रही संख्या के आगे पुलिस प्रशासन की भी एक नहीं चली और श्रद्धालुओं को जाम का सामना करना पडा। लेकिन पुलिस की लगातार चल रही कोशिश के बाद हल्की सी श्रद्धालुओं को निजात मिल पाई।

 

खुले पैसे ना होने से हुई नौंक-झौक

कार्तिक माह की पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखकर वाहन चालको ने किराया दोगुना कर दिया, लेकिन फिर भी श्रद्धालुओं की आस्था कम नहीं हुई। बल्कि बढ़ा किराया देकर भी श्रद्धालु पूरा दिन स्नान करने आते रहे। बताया जाता है कि पानीपत से यमुना पुल तक 20 रुपए और सनौली खुर्द से 10 रुपए किराया लगता था। लेकिन श्रद्धालुओं की भारी संख्या देखकर वाहन चालकों ने यमुना नदी में स्नान करने आ रहे श्रद्धालुओं से पानीपत से यमुना पुल तक 40 से 50 रूपए और सनौली से यमुना पुल तक 15 से 20 रूपए तक किराया वसूला। वही वाहन चालकों व श्रद्धालुओं के पास खुले पैसे ना होने से जमकर नौंक-झौक हुई।

 

 

 

Special Importance Of Bathing In The Month Of Kartik

श्रद्धालुओं की भावना को पहुंची ठेस

कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन यमुना नदी मे स्नान करने आए श्रद्धालुओं को गंदगी फैली होने से उनकी भावना को ठेस पंहुची। जिससे श्रद्धालुओं ने केन्द्र व प्रदेश सरकार के साथ सफाई करने का ढिढ़़ोरा पीटने वाली अनेक समाजिक संस्थाओ को जमकर कोसा,और गंदगी साफ करवाने की मांग की।

 

वर्षो पुराना टूटा रिकार्ड

कार्तिक माह की पूर्णिमा के शुभ अवसर पर यमुना नदी में स्नान करने आए श्रद्धालुओं ने बताया कि वो हर वर्ष कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन यमुना नदी में स्नान करने के लिए आते है। लेकिन आज तक उन्होंने अपने जीवन काल में पहले कभी इतने श्रद्धालुओं की संख्या व वाहनों की लंबी कतार नहीं देखी और ना ही इस प्रकार कई-कई घंटों तक जाम मे फंसा रहना पडा। उन्होंने बताया कि अबकी बार तो वाहनों को कई किलोमीटर दूर रोकर, पैदल ही खेतों के रास्ते यमुना नदी मे स्नान करने के लिए जाना पड़ा है। अगर पुलिस मुस्तैदी ना दिखाती तो शायद उन्हे बिना स्नान करे ही वापस लौटना पडता।

 

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