समाज से अज्ञानता को दूर करने में धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं का विशेष योगदान है : कमलेश ढांडा 

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समाज से अज्ञानता को दूर करने में धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं का विशेष योगदान है : कमलेश ढांडा 
समाज से अज्ञानता को दूर करने में धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं का विशेष योगदान है : कमलेश ढांडा 
प्रवीण वालिया, करनाल :
महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को दूर करने, धार्मिक कार्यों को आगे बढ़ाने तथा समाज से अज्ञानता को दूर करने में धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं का विशेष योगदान है। धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से ही स्वस्थ समाज की कल्पना की जा सकती है।
वे शनिवार को स्थानीय सदर बाजार स्थित श्रद्धानंद अनाथालय ट्रस्ट एवं महर्षि दयानंद गौशाला प्रबंधक समिति द्वारा आयोजित विवाह कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी। इस मौके पर मंत्री ने स्वामी दयानंद गौशाला में गौ सेवा की और पौधारोपण किया तथा गौशाला में नवनिर्मित हाल का भी लोकार्पण किया। इस मौके पर मंत्री ने ट्रस्ट को 5 लाख रुपये देने की घोषणा भी की।

कन्यादान से बड़ा दान नहीं

इस मौके पर उन्होंने कहा कि गौवंश की सेवा और पर्यावरण का संरक्षण करना वर्तमान समय में सबसे जरूरी काम है। ट्रस्ट द्वारा इस जिम्मेदारी को न केवल बेहतर तरीके से निभाया जा रहा है, अपितु यहां आने वाले लोगों को भी प्रेरित किया जा रहा है। श्रद्धानंद अनाथालय द्वारा गरीब बेटियों की शादी का जो कार्य किया जा रहा है इससे बड़ा कोई पुण्य नहीं है। उन्होंने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि कन्यादान से बड़ा दान आज तक न कुछ हुआ है न कुछ होगा। मुझे खुशी है कि ट्रस्ट के निमंत्रण पर यह सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ।

जरूरतमंद लोगों के लिए कई योजनाएं 

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा गरीब एवं जरूरतमंद लोगों के कल्याण के लिए कई तरह की योजनाएं और कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। हमारी सरकार ने तो बेटियों की शादी की जिम्मेदारी भी अपने कंधों पर ले रखी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में सरकार लड़की की शादी में शगुन के तौर पर सहयोग करती है।

लोगों को शगुन के तौर राशि दी 

मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति परिवार, अनुसूचित जनजाति परिवार, टपरीवास समुदाय के परिवार की लड़की के विवाह में शगुन के तौर पर 71 हजार रुपए की राशि दी जाती है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत शगुन के तौर 66 हजार रुपए की राशि शादी के अवसर पर या उससे पहले और 5 हजार रुपए की राशि शादी का पंजीकरण प्रमाण पत्र जमा करवाने के बाद छह महीने के भीतर दी जाती है।

पंजीकरण जमा कराने के बाद शगुन 

इसी योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को शगुन के तौर पर 31 हजार रुपए की जाती है। बीपीएल परिवारों की लड़कियों को उनकी शादी के अवसर पर या उससे पहले 28 हजार रुपए और तीन हजार रुपए की राशि शादी का पंजीकरण जमा कराने के बाद दी जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के उन परिवारों, जिनकी सालाना आमदनी एक लाख 80 हजार से कम है, उन्हें भी कन्यादान के तौर पर 31 हजार दिए जा रहे हैं।

आपकी बेटी – हमारी बेटी योजना

मंत्री ने कह कि सरकार द्वारा राज्य में आपकी बेटी – हमारी बेटी योजना भी चलाई जा रही है। इस योजना के तहत 22 जनवरी 2015 या उसके बाद जन्मी अनुसूचित जाति तथा गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों की पहली बेटी के जन्म पर 21 हजार रूपए तथा दूसरे वर्गों के परिवारों को दूसरी बेटी के जन्म पर 21 हजार रूपए की राशि दी जाती है। अब सरकार किसी भी परिवार में जन्मी तीसरी बेटी को भी इस योजना के दायरे में ला चुकी है।

लाभपात्रों को योजना का लाभ 

यह राशि भारतीय जीवन बीमा निगम की ग्रुप स्कीम आपकी बेटी हमारी बेटी में निवेश की जाती है तथा बालिका को 18 वर्ष की आयु होने पर लगभग 1 लाख रूपए उसके उपयोग के लिए दिए जाते हैं। अब तक 3 लाख 35 हजार 550 से ज्यादा लाभपात्रों को योजना का लाभ दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा की बेटियों की शिक्षा, उनके स्वास्थ्य, उनके विवाह को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।

अमर बलिदानी स्वामी श्रद्धानंद जी की याद में

उन्होंने कहा कि अमर बलिदानी स्वामी श्रद्धानंद जी की याद में समाज सुधारक मक्खन लाल आर्य जी, कुंदन लाल वैद्य जी एवं उनके सहयोगियों द्वारा वर्ष 1927 में सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्र में श्रद्धानंद अनाथालय ट्रस्ट के तौर पर काम करने की जिस परंपरा को शुरू किया था, उसे लगातार आप सभी मजबृती के साथ आगे बढ़ा रहे हैं, इसके लिए समाज आपका ऋणी रहेगा। पिछले 95 वर्षों से श्रद्धानंद अनाथालय ट्रस्ट के माध्यम से हजारों बेसहारा व अनाथ बच्चियों की शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इससे समाज में बेटियों के प्रति सोच बदल रही है।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान

आज बेटियां हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी के झंडे गाड रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल मार्गदर्शन में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में आमजन की भागीदारी बढऩा एक अच्छा संकेत है। आज प्रदेश में 1000 लडकों पर 934 बेटियां जन्म ले रही हैं।
ऐसा केवल इसलिए है कि हम सब मिलकर समाज, विशेषकर अभिभावकों को यह बताने में कामयाब हो रहे हैं कि बेटा-बेटी एक समान हैं तथा अवसर मिलने पर बेटी भी बेटे के समान व उससे अधिक कामयाब होकर आपका सिर गर्व से ऊंचा कर सकती है। मंत्री ने नव निवाहित चारों बेटियों को नवजीवन की शुभकामनाएं दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

इस मौके पर उपस्थित रहे

इस मौके पर मेयर रेनू बाला गुप्ता, ट्रस्ट के प्रधान ठाकुर वीरेन्द्र सिंह, हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के सदस्य भारत भूषण कपूर, जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड के सदस्य बलराज सांगवान, महामंत्री राधेश्याम डुडेजा, गीता सांगवान, कोषाध्यक्ष महेश आर्य, निरूपमा सदर, जोगिन्द्र लाठर, प्रेम शर्मा सहित विवाह सूत्र में बंधने जा रहे बच्चों के परिजन एवं विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि तथा ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।