S&P Report: राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के करीब बनी रहेगी भारत सरकार

0
338
S&P Report
राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के करीब बनी रहेगी भारत सरकार : एसएंडपी

Aaj Samaj (आज समाज), S&P Report, नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव करीब आने पर केंद्र को अधिक व्यय वहन करना पड़ सकता है लेकिन इसका कोई बड़ा असर पड़ने की संभावना नहीं है और भारत सरकार वित्त वर्ष 2026 तक अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के करीब बनी रहेगी। एसएंडपी ग्लोबल शोधकर्ताओं ने बुधवार को यह बात कही है। उन्होंने बताया कि मुफ्त खाद्यान्न योजना की घोषणा के विस्तार और अगले साल होने वाले आम चुनावों के कारण इस तरह की और अधिक व्ययों की संभावना के बावजूद सरकार अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के करीब रहेगी।

पीएम ने की है फ्री खाद्यान्न योजना के विस्तार की घोषणा

एशिया पैसिफिक क्रेडिट आउटलुक 2024 के लॉन्च पर एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के एशिया पैसिफिक सॉवरेन रेटिंग्स के निदेशक एंड्रयू वुड ने कहा, जैसे-जैसे हम चुनाव के करीब जा रहे हैं, अधिक व्यय की पहल संभव है। उन्होंने कहा, आने वाले समय में ये उपभोग के अनुकूल हो सकते हैं, लेकिन मध्यम अवधि के वित्त पर इनका बड़ा असर पड़ने की संभावना नहीं हैै। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते महामारी के दौरान शुरू की गई मुफ्त खाद्यान्न योजना को अगले पांच साल के लिए बढ़ाने की घोषणा की है।

खाद्य योजना विस्तार के बाद भी संभव

एंड्रयू वुड ने कहा, खासकर वित्त वर्ष 2026 तक राजकोषीय घाटे के रास्ते पर रहने की संभावना है, ऐसा खाद्य योजना विस्तार के बाद भी संभव है। यह जीडीपी के लगभग 0.7 फीसदी के करीब रह सकती है। सरकार की योजना राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 2024 के 5.9 फीसदी से घटाकर वित्त वर्ष 26 में 4.5 फीसदी पर लाने की है।

बुनियादी ढांचे में निवेश दोगुना होने की उम्मीद

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के वरिष्ठ अर्थशास्त्री (एशिया प्रशांत) विश्रुत राणा ने कहा कि अगले साल वृद्धि को मजबूत शहरी सेवा गतिविधि और बेहतर ग्रामीण गतिविधि से समर्थन मिलेगा। रेटिंग एजेंसी ने कहा, धीरे-धीरे पूंजी की गहराई, अनुकूल जनसांख्यिकी और उत्पादकता में सुधार विकास के आवश्यक कारक हैं। एसएंडपी को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 25 तक दरों में एक प्रतिशत की कमी कर सकता है। एसएंडपी ने कहा, अगले छह वर्षों में सेवा अर्थव्यवस्था का हिस्सा बढ़ने और बुनियादी ढांचे में निवेश दोगुना होने की उम्मीद है।
भारत हाई इनकम वाले देशों में शामिल

यह भी पढ़ें :

Connect With Us: Twitter Facebook