Southwest Monsoon: केरल पहुंचा दक्षिण पश्चिम मानसून, पूर्वोत्तर की ओर अग्रसर

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Southwest Monsoon
केरल पहुंचा दक्षिण पश्चिम मानसून, पूर्वोत्तर की ओर अग्रसर।

Aaj Samaj (आज समाज), नई दिल्ली: दक्षिण पश्चिम मानसून पूर्वानुमान से एक दिन पहले आज केरल पहुंच गया और अब यह पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज यह पुष्टि की है। विभाग ने बुधवार को बताया था कि मानसून के आगमन के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं और अगले 24 घंटों में यह केरल में दस्तक दे सकता है।

‘रेमल’ के कारण पहले दी दस्तक

आईएमडी ने कहा है कि आज ही मानसून पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में पहुंच जाएगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मानसून चक्रवात रेमल के कारण प्रेरित हुआ और इसलिए यह समय से पहले आ गया है। रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरे ‘रेमल’ ने मानसून के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया था, जो पूर्वोत्तर में मानसून के जल्दी आने का कारण बना। रेमल के प्रभाव के कारण ही केरल में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही है।

पूर्वोत्तर में पहुंचने की सामान्य तिथि 5 जून

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में मानसून के आने की सामान्य तिथि 5 जून है। आईएमडी ने कहा कि इस अवधि के दौरान दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मालदीव, कोमोरिन, लक्षद्वीप के शेष हिस्सों, दक्षिण-पश्चिम और मध्य बंगाल की खाड़ी, उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।

कृषि परिदृश्य के लिए मानसून महत्वपूर्ण

भारत के कृषि परिदृश्य के लिए मानसून महत्वपूर्ण है, कुल खेती वाले 52 प्रतिशत क्षेत्र इस पर निर्भर हैं। यह देश भर में बिजली उत्पादन के अलावा पेयजल के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को फिर से भरने के लिए भी महत्वपूर्ण है। जून और जुलाई को कृषि के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानसून महीने माना जाता है क्योंकि खरीफ फसल की अधिकांश बुवाई इसी अवधि के दौरान होती है।

15 जुलाई के आसपास पूरे देश को कवर कर लेता है मानसून

आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून के आस-पास केरल में प्रवेश करता है। सामान्य तौर पर यह उछाल के साथ उत्तर की ओर बढ़ता है और 15 जुलाई के आसपास पूरे देश को कवर कर लेता है। इससे पहले 22 मई मानसून अंडमान निकोबार में दस्तक देता है। इस बार अंडमान में मानसून का आगमन सामान्य से 3 दिन पहले, 19 मई को हो गया है।

दिल्ली-एनसीआर में मानसून की तिथि 30 जून से 2 जुलाई

उत्तर-भारत के लोगों को अभी मानसून के लिए और इंतजार करना पड़ेगा। दिल्ली-एनसीआर में 30 जून से 2 जुलाई के बीच मानसून की बौछारें गर्मी की तपिश से राहत दे सकती हैं। वहीं यूपी में 18 से 20 जून के बीच मानसून के दस्तक देने की संभावना है।

तापमान में पिछले कल उत्तर भारत में कई जगह तोड़ा रिकॉर्ड

गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से उत्तर पश्चिम भारत सहित देश का बड़ा हिस्सा भीषण गर्मी की चपेट में हैं और ये अगले तीन दिन जारी रह सकती है। लेकिन 30 मई को गरज के साथ बारिश होने की संभावना है, हालांकि यह राहत अस्थायी होगी और जून में दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है। जून में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, यूपी, गुजरात के कुछ हिस्सों और उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से ज्यादा दिनों तक तेज लू चल सकती है।

अल नीनो कमजोर, ला नीना स्थितियां सक्रिय, अच्छे मानसून के लिए अनुकूल

मौसम विभाग की मानें तो देश में अल नीनो प्रणाली कमजोर हो रही है और ला नीना स्थितियां सक्रिय हो रही हैं, जो इस साल अच्छे मानसून के लिए अनुकूल है। इसी के चलते भारत में मानसून ने समय से पहले दस्तक दे दी है। वहीं, ला नीना के साथ-साथ हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) स्थितियां भी इस साल अच्छे मानसून के लिए अनुकूल हो रही हैं, जो मानसून के लिए सकारात्मक संकेत हैं।

जानिए केरल में कब की जाती है मानसून की घोषणा

आईएमडी केरल में मानसून के आगमन की घोषणा तब करता है, जब 10 मई के बाद किसी भी समय केरल के 14 केंद्रों और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार दो दिन तक 2.5 मिमी या उससे अधिक वर्षा होती है, आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) कम होता है और हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिमी की ओर होती है।

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