नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लोकपाल-कम-एथिक्स आॅफिसर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) डीके जैन ने बोर्ड अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के खिलाफ कॉनफ्लिक्ट आॅफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) मामले की शिकायत खारिज कर दी। मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने 4 अक्टूबर को यह शिकायत दर्ज की थी जब गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के अध्यक्ष थे। इसमें उन्होंने दावा किया था कि वह कैब अध्यक्ष और बीसीसीआई एजीएम में इसके प्रतिनिधि के रूप में कई पद पर काबिज हैं।
जैन ने कहा कि बीसीसीअई के मौजूदा संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक ही समय में कई क्रिकेट भूमिकाएं अदा नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी ध्यान दिलाया कि गांगुली ने 23 अक्टूबर को बीसीसीआई अध्यक्ष पद का भार संभालते हुए कैब अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे उनका कोई भी हितों का टकराव नहीं है।
इससे पहले डीके जैन ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को हितों के टकराव मामले में क्लीन चिट दे दी थी। जैन ने कहा कि उन्हें पूर्व भारतीय कप्तान के खिलाफ हितों के टकराव से जुड़ा कोई मामला नजर नहीं आया। जैन ने कहा, मैं द्रविड़ के खिलाफ हितों के टकराव से जुड़ा कोई मामला नहीं पाया। द्रविड़ को 12 नवम्बर को जैन के सामने पेश होना था। द्रविड़ अभी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख हैं। मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत पर एथिक्स आॅफिसर ने द्रविड़ को कॉनफ्लिक्ट आॅफ इंटरेस्ट के सम्बंध में नोटिस दिया था।
अपनी शिकायत में गुप्ता ने कहा था कि द्रविड़ एनसीए के निदेशक हैं और साथ ही साथ वह आईपीएल फ्रेंजाइजी चेन्नई सुपर किंग्स का मालिकाना हक रखने वाली इंडिया सीमेंट्स ग्रुप में उपाध्यक्ष भी हैं। द्रविड़ ने हालांकि इन आरोपों के बचाव में कहा था कि उन्होंने इंडिया सीमेंट्स के अपने पद से दीर्घकालीन अवकाश ले रखा है।
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