Sonia Gandhi Remarks: राहुल की पिछड़ों की राजनीति का तोड़ बनेगा सोनिया गांधी का राष्ट्रपति पर बयान, पीएम ने शुरू किए हमले

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Sonia Gandhi Remarks: राहुल की पिछड़ों की राजनीति का तोड़ बनेगा सोनिया गांधी का राष्ट्रपति पर बयान, पीएम ने शुरू किए हमले
Sonia Gandhi Remarks: राहुल की पिछड़ों की राजनीति का तोड़ बनेगा सोनिया गांधी का राष्ट्रपति पर बयान, पीएम ने शुरू किए हमले

Sonia Statement On President, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने बयान से एक बार फिर पार्टी को संकट में डाल दिया है। हालांकि उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी अपनी मां के बचाव में तमाम सफाई देने सामने आए, लेकिन बीजेपी जो चाहती थी उन्हें वो मुद्दा आखिर मिल ही गया। सोनिया के बयान से उनके बेटे राहुल गांधी की पिछड़ों की राजनीति को झटका लग सकता है।

अभियान शुरू किया पर आंदोलन खड़ा नहीं कर सकी कांग्रेस

राहुल लगातार संविधान बचाओ की बात कर खुल कर पिछड़ों की राजनीति कर रहे हैं। जबकि पार्टी को राहुल की राजनीति से नुकसान हो रहा है, लेकिन पार्टी का कोई नेता विरोध नहीं कर पा रहा है। राहुल के दिशा निर्देश के बाद ही पार्टी ने जय भीम ,जय संविधान और जय गांधी अभियान शुरू जरूर किया ,लेकिन कांग्रेस आंदोलन खड़ा नहीं कर पाई।

सोनिया ने द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर कल की यह टिप्पणी

अभिभाषण पर टिप्पणी देते सोनिया गांधी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को थकी हुई दिख रही जैसी टिप्पणी कर बैठे बिठाए नुकसान कर लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने उसे तुरंत मुद्दा भी बना दिया। दिल्ली की चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए सोनिया के बयान को आदिवासी बेटी का अपमान करार दे संकेत दे दिए कि बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बनाएगी। राष्ट्रपति पर सोनिया की टिप्पणी पर राष्ट्रपति भवन ने तो कड़ा एतराज जताया ही, साथ ही देशभर से भी बड़ी प्रतिक्रिया हुई।

बयानवीरों के चलते ही कई निर्णायक चुनाव हार चुकी है कांग्रेस

राहुल गांधी और पूरा विपक्ष पिछड़ों की राजनीति को लेकर लंबे समय से बीजेपी पर हमलावर बना हुआ था। 18वीं लोकसभा में संसद के हर सत्र में पिछड़ों को मुद्दा बना विपक्ष कामकाज ही नहीं होने दे रहा था, लेकिन अब कांग्रेस अलग थलग पड़ सकती है। हैरानी की बात यह है कि बयानवीरों के चलते कांग्रेस कई निर्णायक चुनाव हार चुकी है।

इस साल बिहार और 2026, 2027 में कई राज्यों में हैं चुनाव

2007 में सोनिया गांधी के मौत का सौदागर और 2018 में मणिशंकर अय्यर के नीच वाले बयान ने गुजरात के निर्णायक चुनाव में जीत को हार में बदल दिया था। जिसका खामियाजा कांग्रेस आज तक भुगत रही है।कांग्रेस की हालत यह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी उन बयान वीरों में हैं जिससे पार्टी को नुकसान हुआ है।अभी पिछले हफ्ते ही महा कुंभ के स्नान पर ऐसी टिप्पणी कर दी जिसे बीजेपी देर सवेर बड़ा मुद्दा बनाएगी ही बनाएगी। इस साल बिहार और 2026, 2027 में कई राज्यों में चुनाव होने है। इनमें उत्तर प्रदेश जैसा राज्य भी होगा।

यूपी चुनाव में महाकुंभ होगा बीजेपी का अहम मुद्दा

ये तय है कि यूपी चुनाव में महा कुंभ बीजेपी का अहम मुद्दा होगा।इस साल बिहार चुनाव के लिए तो दो दो बड़े मुद्दे मिल गए हैं।सोनिया और खरगे का बयान दोनों राज्यों में बड़ा हथियार बन सकता है।
कुंभ हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है।खरगे ने नहाने पर जो टिप्पणी की है उसे बीजेपी भुनाएगी।उत्तर प्रदेश में तो महाकुंभ सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है।क्योंकि सीएम योगी आदित्यनाथ सनातन धर्म के चेहरे हैं और कुंभ उनके मुख्यमंत्री रहते हुए ही हो रहा है। इस बीच सोनिया गांधी ने आदिवासी समुदाय से आने वाली देश की प्रथम नागरिक द्रौपदी मुर्मू पर बयान दे बड़ी चूक कर दी।बीजेपी इसे बिहार में हर हाल में उठाएगी।

बड़ा संकट : हिंदी समझ नहीं पाते कांग्रेस के बड़े नेता

कांग्रेस का सबसे बड़ा संकट यह है कि उसके नेता हिंदी को समझ ही नहीं पाते है।जो समझते हैं वह गांधी परिवार को खुश करने के लिए ऐसा वैसा बोल जाते हैं जो नुकसान पहुंचाता है।राहुल गांधी ने अध्यक्ष और संगठन महासचिव दक्षिण भारतीय बनाए हुए हैं।दोनों नेता हिंदी के शब्दों का अर्थ कम ही जानते हैं।सोनिया गांधी का हिंदी को लेकर पहले से ही हाथ तंग है। राहुल गांधी भी विदेश में पढ़े हैं वह भी हिंदी का भाव ही कम समझ पाते हैं। हिंदी बोलते जरूर है लेकिन शब्द अर्थ नहीं जानते हैं। कांग्रेस की कमजोर होने की एक बड़ी वजह यही है कि वह बहुसंख्यकों की राजनीति समझ ही नहीं पा रही है। मल्लिकार्जुन खरगे जैसे नेता ने कुंभ पर क्यों बोला समझ से परे है।

लगता रहा है मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप

कांग्रेस पर वैसे भी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगता रहा है। हिंदुओं से जुड़े मामलों पर बयान दे बीजेपी को ताकत मिल जाती है। ।हालांकि दिल्ली चुनाव में सोनिया गांधी का बयान बहुत असर वाला नहीं रहेगा क्योंकि बीजेपी के मुकाबले में आम आदमी पार्टी है।लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल संकेत दे दिया है कि बीजेपी राष्ट्रपति पर हुए हमले को सहन नहीं करेगी।

बिहार चुनाव में बढ़ेगी कांग्रेस व राजद की मुसीबत

मतलब अब आगे आने वाले बिहार जैसे राज्य के चुनाव में राष्ट्रपति पर की गई टिप्पणी कांग्रेस और राजद की मुसीबत बढ़ाएगी। बीजेपी मौका भुनाने में एक्सपर्ट मानी जाती है।राहुल और प्रियंका उनके साथ अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शायद ही अपनी रणनीति में कोई बदलाव लाएंगे।कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा संकट यही है कि राष्ट्रपति पर की गई टिप्पणी में कोई सहयोगी बचाव नहीं करेगा।दिल्ली में पार्टी की हालत वैसे भी खराब है।परिणामों के बाद तो अपने ओर दूर भागेंगे।हो सकता है भाई बहन ही अकेले राजनीति करते दिखाई दें।

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