शिकायतकर्ता बेटा ही निकला पिता का हत्यारा, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

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Son turns out to be father's murderer
Son turns out to be father's murderer
  • पिता ने शराब की लत में एक साल पहले आधा एकड़ जमीन बेच दी थी
  • आरोपी ने इससे खफा होकर पीट पीटकर हत्या की थी
Aaj Samaj (आज समाज), पानीपत : पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत के मार्गदर्शन में सीआईए थ्री पुलिस टीम ने सघंन जांच करते हुए महावटी गांव के राजेंद्र की हत्या की वारदात का सफलतापूर्वक पर्दाफाश करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। राजेंद्र की हत्या उसके बेटे मनोज उर्फ काला ने पीटकर की थी। पुलिस ने आरोपी मनोज उर्फ काला को बुधवार देर शाम महावटी अड्डे से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने पिता की हत्या करने बारे स्वीकारा। आरोपी ने पुलिस पकड़ से बचने के लिए मनगढ़त कहानी बनाकर गांव निवासी तीन युवकों के खिलाफ खुद ही थाना समालखा में शिकायत देकर हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था।

आरोपी ने ये बताया था शिकायत में

 सीआईए थ्री प्रभारी इंस्पेक्टर अंकित ने बताया कि थाना समालखा में मनोज पुत्र राजेंद्र निवासी महावटी ने शिकायत देकर बताया था कि उसके पिता राजेंद्र ने करीब डेढ़ साल पहले गांव निवासी सुनील पुत्र रामकिश को आधा एकड़ जमीन 16 लाख रूपए में बेची थी। सुनील ने 4 लाख रूपए का चेक देकर बाकी पैसे एक साल बाद ब्याज सहित देने का करार किया था। 26 जुलाई की शाम उसका पिता राजेंद्र घेर में था। देर शाम करीब 8 बजे सुनील, जयप्रकाश पुत्र राजपाल व जितेंद्र पुत्र मेहर सिंह उसके पिता के पास घेर में आकर बैठकर शराब पीने लगे। उसके पिता ने सुनील से जमीन के पैसे मांगे तो सुनील ने अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर उसके पिता को ईट व डंडो चोट मारी। झगड़े का शोर सुनकर वह पत्नी के साथ मौके पर पहुंचा और पिता को आरोपियों से छुड़वाया। तीनों आरोपी चोट मारकर जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए। इलाज के लिए वह अपने पिता को सिविल अस्पताल लेकर गया जहा डॉक्टरों ने गंम्भीर हालत देखते हुए पीजीआई खानपुर के लिए रेफर कर दिया। बाद में खानपुर पीजीआई लेकर गये जहा डॉक्टर ने चेक कर उसके पिता को मृत घोषित कर दिया। शिकायत पर मामले में नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या की विभिन्न धाराओं के तहत थाना समालखा में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी।

शिकायतकर्ता मनोज को शामिल जांच किया तो वह हर बार बदल रहा था ब्यान

इंस्पेक्टर अंकित ने बताया कि पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने मामले की गंम्भीरता को देखते हुए जांच सीआईए थ्री पुलिस टीम को सौंपी थी। सीआईए थ्री पुलिस टीम ने मामले की सघंन जांच करते हुए शिकायतकर्ता मनोज को शामिल जांच किया तो वह हर बार अपने ब्यान बदल रहा था। वारदात के समय वह अपने आप को कभी पास की दुकान पर बैठे होने बारे तो कभी घेर में ही काम करने की बात कह रहा था। जिससे उस पर पुलिस का शक बढ़ता चला गया। पुलिस ने बुधवार देर शाम आरोपी मनोज को गांव के अड्डे से काबू कर गहनता से पूछताछ की तो आरोपी ने पिता राजेंद्र की पीट पीट कर हत्या करने बारे स्वीकारा।

पुलिस पकड़ से बचने के लिए मनगढ़त कहानी बनाई

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया उसके पिता राजेंद्र ने करीब डेढ़ साल पहले गांव निवासी सुनील को आधा एकड़ जमीन बेच दी थी। 26 जुलाई की देर शाम भी उसका पिता गांव निवासी सुनील, जय प्रकाश व जितेंद्र के साथ अपने घेर (पशु बाड़े) में बैठकर शराब पी रहा था। आवाज सुनकर वह घेर में पहुंचा। उसने अपने पिता राजेंद्र को तीनों के साथ बैठकर शराब पीते देख कहा पहले भी उसने सुनील को जमीन बेच दी। शराब पीने की लत में वह सारी जमीन बेच देगा। तीनों के वहा से जाने के बाद उसने अपने पिता की लात घूस्सों से पिटाई शुरू कर दी। इस दौरान उसके पिता का सिर इटों के पिलर से लगा। सिर से खून बहने लगा तो वह परिजनों के साथ पिता को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा, डॉक्टरों ने गंम्भीर हालत देखते हुए पीजीआई खानपुर के लिए रेफर कर दिया। खानपुर पीजीआई ले जाते समय उसके पिता की रास्ते में मौत हो गई। उसने पुलिस पकड़ से बचने के लिए मनगढ़त कहानी बनाई और थाना समालखा में शिकायत देकर सुनील, जय प्रकाश व जितेंद्र के खिलाफ पिता की हत्या का केस दर्ज करवा दिया। इंस्पेक्टर अंकित ने बताया कि गहनता से पूछताछ करने के लिए पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी मनोज उर्फ काला को वीरवार को न्यायालय में पेश कर एक दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल किया।