अखिलेश बंसल, बरनाला।
भारत सरकार का सौर ऊर्जा मिशन घर घर उजाला लक्ष्य बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना करने में प्रमुख योगदान पा सकता है, लेकिन राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन को अग्रणी करने में कई राज्य सरकारों की सुस्त चाल है। जिसने बिजली उपभोक्ता अधिकार पर कई सवाल खड़े किये हैं। विकासशील कहलाने वाला भारत 72 साल बीतने पर भी बिन बिजली घंटों बिजली आने की आस में अंधकार में जीने को मजबूर हैं।
सिक्किम राज्य ने सौर ऊर्जा सहित आॅर्गेनिक में प्रसार कर हासिल की विख्याति
कस्बे गांव बिजली घरों के रहते अंधाधुंध कटौती या कटों की मार से फ्रिज, टीवी कई यंत्र भरी नुक्सान झेलते हैं। जबकि देश की केंद्र सरकार ने पीएम योजनाओं के अंतर्गत भारत के सौर ऊर्जा मंत्रालय के जरिए कई विकल्प राज्यों को दिए हैं ताकि हर इमारत की छत पर सौर ऊर्जा लगे और लोगों को बिजली चले जाने पर मायूसी नही हो। इसलिए पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न गुलजारी लाल नन्दा की सैद्धांतिक संस्था गुलजारीलाल नन्दा फाउंडेशन के के नेशनल चेयरमेन कृषण राज अरुण ने देशभर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखना आरम्भ किया है। जिसमें हर घर की छत पर सोलर प्लांट इंस्टॉल करने के लिए ब्याज दर जीरो करने एवं किस्त आसान करने तथा हर उपभोक्ता को सब्सिडी देना भी शामिल किया जाने का अनुरोध शामिल है। यह भी बताया है कि सिक्किम राज्य देश का छोटा सा प्रांत है, जिसमें सौर ऊर्जा सहित आॅर्गेनिक में भी प्रसार कर विख्याति हासिल की है।
ऐसे होगा हर राज्य बिजली सरप्लस
समाज विज्ञानी श्री अरुण ने कहा कि गुलजारीलाल नन्दा फाउंडेशन का मानना है कि पवन सौर ऊर्जा अक्षय ऊर्जा अंधकार हटाने के मजबूत विकल्प है। राज्यों की प्रशासनिक इकाइयां मूकदर्शक उदासीन ना हुई तो अक्षय सौर ऊर्जा मिशन निश्चित रूप से सफल होगा। राज्य सरकारों के बिजली विभाग बिजली कमी के लिए मोहताज नहीं होंगे क्योंकि उपभोक्ता ही अपनी छतों से सौर ऊर्जा बिजली घरों को भी आपूर्ति कर सकेगा। निश्चय ही बिजली कट से पब्लिक प्रदर्शन रोष के झंझट दूर होंगे। इस योजना की जानकारी हर जिला शहर तहसील बिजली विभाग के ब्लाक आफिस कृषि विभाग अतिरिक्त आयुक्त एवं बिजली विभाग जेई एवं एसडीओ के पास तक पूरी जानकारी होती है कि सौर ऊर्जा से बिजली उपभोक्ता को किस तरह लाभ पहुंचाया जा सकता है। कायदा है कि देहातों में कृषि विभाग ब्लॉक स्तर पर लोगों को जागरूक करें। हर उद्योगपति अपनी इंडस्ट्री में सौर ऊर्जा को प्रमुखता दे, राज्य सरकारें जन जागरूक करें। सूचना अभाव में लोग अन्जान हैं, इसलिए जिला प्रशासन स्तर पर जागरूकता के निर्देश राज्य सरकारों को करने होते हैं।
राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन के यह है लक्ष्य
भारत सरकार ने 2022 के अंत तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है।इसमें से 60 गीगावाट पवन ऊर्जा से, 100 गीगावाट सौर ऊर्जा से, 10 गीगावाट बायोमास ऊर्जा से तथा 5 गीगावाट लघु पनबिजली से प्राप्त किया जाना शामिल है।जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन योजना की शुरूआत 2009 में हुई थी तथा यह नेशनल एक्शन प्लान आॅन क्लाइमेट चेंज के आठ मिशनों में से एक है।इसमें सौर तापीय तथा प्रकाश वोल्टीय दोनों तकनीकों के प्रयोग का अनुमोदन किया गया। इस मिशन का उद्देश्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है। इस मिशन में काफी संभावनाएं हैं क्योंकि यह भारत को दुनिया के सबसे बड़े हरित ऊर्जा उत्पादकों में से एक बना देगा।
मिशन को प्रमोट करने में कई राज्य सरकारें उदासीन
देश की केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ा फायदा पहुंचाने के लिए पीएम कुसुम योजना को ग्रामीण स्तर पर पहुंचाने के लिए हर तरीका अपनाया है, लेकिन राज्य सरकारें अपनी पॉलिसी अंतर्गत केंद्र की इन योजनाओं को सही ढंग से प्रमोट प्रोमोट नहीं कर पा रही हैं । यद्यपि राज्य सरकारें आगे आकर सौर ऊर्जा के लिए गांवों और शहरों में तेजी से इस योजना पर वर्क करेंगी तो क्यास लगाया जा जा सकता है कि हर राज्य की बिजली सरप्लस हो सकती है। बिजली सुधारीकरण के नाम पर कट लगने की मार से गांव, शहर, कस्बे परेशान रहते हैं वे बच जायेंगे । जिसके लिए सौर ऊर्जा सबसे बेहतरीन विकल्प है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी देने का प्रावधान भी है।
बिजली गुल से होता आ रहा बड़ा नुकसान:
वर्षों से बिजली के लंबे लगते आ रहे कट से हर क्षेत्र को बड़ा नुकसान हो रहा है। इंडस्ट्री से लेकर छोटा व्यापार और मशीनरी बंद हो जाती है एक फोटो कॉपी कराने वाला तक दुकान में आना ही छोड़ देता है । वाटर सप्लाई पानी घरों को बिना बिजली नहीं मिलता। यहां तक कि कारोबारियों को मजदूरी और प्रोडक्शन का बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है। किसानों को खेतों में पानी लगाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रात के समय अचानक बिजली गुल हो जाने से चोरी डकैती की वारदातें घटती आ रही हैं। कायदे में सौर ऊर्जा का जाल हर घर गांवों हो या शहर फैल जाना चाहिए।
राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन का उद्देश्य-
2022 तक 20 हजार मेगावाट क्षमता वाली-ग्रिड से जुड़ी सौर बिजली पैदा करना।2022 तक दो करोड़ सौर लाइट सहित 2 हजार मेगावाट क्षमता वाली गैर-ग्रिड सौर संचालन की स्थापना करना।2 करोड़ वर्ग मीटर की सौर तापीय संग्राहक क्षेत्र की स्थापना करना।देश में सौर उत्पादन की क्षमता बढ़ाने वाली का अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करना।2022 तक ग्रिड समानता का लक्ष्य हासिल करने के लिए अनुसंधान और विकास के समर्थन और क्षमता विकास क्रियाओं को बढ़ावा शामिल है। राज्यों के योगदान से देश बिजली की कमी पूर्ति में एक सफल भारत के लिए अक्षय ऊर्जा सौर के लाभ से कीर्तिमान