आज समाज डिजिटल, शिमला Solar Energy Scheme for Himachal : राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा में निवेश का प्रस्ताव प्रदेश के मौलिक एवं बहुमूल्य पर्यावरण को संरक्षित करने की दृष्टि से सकारात्मक परिणाम लाने की दिशा में एक कारगर कदम है। प्रदेश के पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने से एक ओर ‘हरित एवं स्वच्छ हिमाचल’ की राह प्रशस्त होगी, वहीं यह मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के हिमाचल को ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने के संकल्प को भी पूरा करने में सहायक होगा।

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत के रूप में तेजी से उभर रही सौर ऊर्जा की जलवायु परिवर्तन तथा ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका है, जो कि मानव, वन्य जैव संपदा तथा पारिस्थितिकीय तंत्र को सुरक्षित रखने के लिए भी आवश्यक है। ऊर्जा उत्पादन में जल के उपयोग को कम करने तथा वायु की गुणवत्ता में सुधार की दृष्टि से भी सौर ऊर्जा अहम भूमिका निभा सकती है।

राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक जिला में पायलट आधार पर दो-दो ग्राम पंचायतों में 500 किलोवाट से एक मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित कर इन्हें ‘हरित पंचायतों’ के रूप में विकसित करने पर भी विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने अपने पहले हरित बजट में प्रदेश के युवाओं को निजी अथवा पट्टे पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से 2 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत उपदान देने के लिए भी प्रस्ताव किया है।

राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्र पांगी में सौर ऊर्जा पर आधारित ‘बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम’ स्थापित करने का भी प्रस्ताव है।

राज्य सरकार ने विश्व बैंक की सहायता से लगभग 200 करोड़ रुपये का ‘हिमाचल प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ भी प्रस्तावित किया है। इसके अन्तर्गत 200 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं और राज्य में 11 उपकेन्द्र तथा 13 शहरों के लिए दो वितरण लाइनों के निर्माण का प्रावधान है।

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राज्य सरकार सौर ऊर्जा संयंत्रों में स्वयं भी निवेश करेगी और वर्ष 2023-24 में 500 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 200 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन (एच.पी.पी.सी.एल.) द्वारा स्थापित की जाएंगी और इसमें से 70 मेगावाट क्षमता के लिए भूमि भी चिन्हित कर ली गई है।

इन परियोजनाओं से राज्य को आर्थिक लाभ सुनिश्चित करने के दृष्टिगत राज्य सरकार ने तीन मेगावाट क्षमता से अधिक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं से रॉयल्टी प्राप्त करने के दृष्टिगत हिमऊर्जा को एक प्रारूप तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं।

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