एजेंसी,नई दिल्ली। अब से चंद घंटो बाद ही चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ के साथ भारत की धमक चांद पर होगी। चांद की सतह पर इस ऐतिहासिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के लिए भारत ही नहीं वरन दुनिया के अन्य देश भी उत्साहित हैं। पूरी दुनिया की नजर चंद्रयान-2 की साफ्ट लैंडिंग पर है। पल-पल की खबर पर इसरो के वैज्ञानिक नजर गड़ाए बैठे हैं। बता दें कि 22 जुलाई को जब चंद्रयान-2 ने उड़ान भरी तब से ही इसरो के वैज्ञानिकों की टीम हर दिन 16-16 घंटे काम कर रही है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग पर वैज्ञानिक मिशन आॅपरेशन कॉम्पलेक्स से टेलीमेट्री पारामीटर्स को ट्रैक कर रहे हैं। चंद्रयान-2 की लैंडिंग को लेकर इसरो प्रमुख सिवन ने कहा कि जब यह लैंड करेगा, उस वक्त काफी घबराहट होगी। इसरो के प्रमुख सिवन ने चंद्रमा पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के 15 मिनट को आतंक के 15 मिनट के रूप में वर्णित किया है। इसरो प्रमुख सिवन ने कहा कि यह हमारे लिए एक दिलों को थामने वाला (भयानक) क्षण होगा। सबकी निगाहें उसकी लैंडिंग पर टिकी होंगी। टेलीमेट्री पैरामीटर हमें बताता रहेगा कि हम सही दिशा में जा रहे हैं, मगर साथ ही अगले ही पल क्या होगा, इस बारे में बहुत घबराहट होगी।
इसरो के चीफ ने बताया है कि मिशन चंद्रयान योजना के मुताबिक ही आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान के लैंडिंग की प्रक्रिया बिल्कुल सामान्य गति से चल रही है। अंतरिक्ष एजेंसी के अघ्यक्ष के. सिवन ने कहा कि प्रस्तावित ‘सॉफ्ट लैंडिंग दिलों की धड़कन थाम देने वाली साबित होने जा रही है क्योंकि इसरो ने ऐसा पहले कभी नहीं किया है। यान के चांद पर उतरने की प्रक्रिया को समझाते हुए सिवन ने कहा था कि एक बार जब लगभग 30 किलोमीटर की दूरी से संबंधित प्रक्रिया शुरू होगी तो इसे पूरा होने में 15 मिनट लगेंगे। लैंडर के चांद पर उतरने के बाद इसके भीतर से रोवर ‘प्रज्ञान बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस यानी के पृथ्वी के 14 दिनों की अवधि तक अपने वैज्ञानिक कार्यों को अंजाम देगा। रोवर 27 किलोग्राम वजनी छह पहिया रोबोटिक वाहन है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस है। इसका नाम ‘प्रज्ञान है जिसका मतलब ‘बुद्धिमत्ता से है। यह ‘लैंडिंग स्थल से 500 मीटर तक की दूरी तय कर सकता है और यह अपने परिचालन के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा। यह लैंडर को जानकारी भेजेगा और लैंडर बेंगलुरु के पास ब्याललु स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क को जानकारी प्रसारित करेगा। इसरो के अनुसार लैंडर में तीन वैज्ञानिक उपकरण लगे हैं जो चांद की सतह और उप सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा, जबकि रोवर के साथ दो वैज्ञानिक उपकरण हैं जो चांद की सतह से संबंधित समझ में मजबूती लाने का काम करेंगे।
Bhojpuri Song : भोजपुरी सिनेमा में पवन सिंह (Pawan Singh) और अक्षरा सिंह (Akshara Singh)…
Chandigarh News: शहर में यातायात जाम की समस्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है।…
Chandigarh News: सनातन धर्म मंदिर सेक्टर 45, चण्डीगढ़ में आज 21वां स्थापना दिवस धूमधाम से…
Bhojpuri Song: भोजपुरी एक्ट्रेस खेसारी लाल यादव करोड़ों दिलों की धड़कन है। खेसारी लाल यादव…
Chandigarh News: चंडीगढ़ केन्द्र शासित प्रदेश के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने उप-पंजीयक कार्यालय में…
Chandigarh News: लुधियाना : केबलवन : , पंजाबी OTT प्लेटफार्म, ने अपनी बहुप्रतीक्षित ओरिजिनल फिल्म…