इशिका ठाकुर, इन्द्री ,27 फरवरी :
दहेज न लेने की सोच को सोच तक समेटने की बजाए इस विचारधारा को हकीकत का जामा पहनाना होगा, तभी हमारी आने वाली पीढ़ी इस कुप्रथा से मुक्ति पा सकेगी।
बिना दहेज के हुई शादी
इस अच्छी सोच को अपने जीवन में उतारते हुए मेहम सिंह जजपा हल्का प्रधान ने अपने बेटे हिम्मत सिंह की बिना दहेज के शादी कर आमजन को दहेज जैसी कुप्रथा को मिटाने का संदेश दिया है। सढौरा गांव के वधू पक्ष वह इंद्री के राजेपुर पुर गांव के वर पक्ष ने शादी के दौरान आपसी रजामंदी से बिना दहेज के कुरुक्षेत्र के लाडवा में आयोजित समारोह में शादी की है। शादियों में हर साल लाखों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं ऐसे में बिना दहेज के हुई है शादी करके दोनों पक्षों ने समाज में एक मिसाल कायम की है। मूल रूप से करनाल जिले के इंद्री उपमंडल के गांव राजेपुर के निवासी जजपा प्रधान मेहम सिंह का बेटा हिम्मत सिंह विदेश में बिजनेस करता है। हिम्मत सिंह की शादी यमुनानगर के सढौरा में सुभाष जो कि पेशे से किसान है की पुत्री मानसी के साथ रविवार को सम्पन्न हुई थी।
एक रुपया व नारियल का लेनदेन कर शादी की रस्म हुई सम्पन्न
शादी की रस्में शुरू हुई तो दुल्हन व दूल्हा पक्ष द्वारा दहेज के खिलाफ पूर्व से ही तय सोच के अनुसार एक रुपया व नारियल का लेनदेन कर शादी की रस्म सम्पन्न करवाई। इस दौरान वर वधु हिम्मत सिंह व मानसी ने कहा कि पढ़े-लखे युवाओं को अपनी सोच बदलनी होगी और बिना किसी दहेज के विवाह के बंधन में बंधने की रस्में अपनानी होंगी द्वारा की गई इस पहल की प्रशंसा समाज में हर जगह हर कोई कर रहा है। इस दौरान बेटे के पिता प्रधान मेहम सिंह ने कहा कि बेटियां बेटों से कम नहीं है इसलिए बेटियां ही दहेज क्यों दें। जिस पिता ने अपनी बेटी दे दी उसने सब कुछ दे दिया। उनकी इस बात की तारीफ पूरे शादी समारोह में सभी ने की।
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