Aaj Samaj (आज समाज),Social worker Manjari Goyal Panipat, अनुरेखा लांबरा, पानीपत :
कुछ काम करो,
न मन को निराश करो
पंख होंगे मजबूत,
तुम सपनों में साहस भरो,
गिरोगे लेकिन फिर से उड़ान भरो,
सपनों में उड़ान भरो।।
समाज की पुरुष-प्रधान मान्यताओं को बीते कई दशकों से महिलाएं चुनौती देते हुए हर क्षेत्र में स्वयं को स्थापित कर रही हैं। अपने सपनों की उड़ान भर रही हैं। कई उदाहरण ऐसे भी देखने को मिलते हैं, जहां पुरुषों ने भी महिला विरोधी रूढ़ियों का विरोध किया और उनके समान अधिकारों की बात की। अलबत्ता महिलाओं ने तो अपने हकों की आवाज़ उठाई ही है साथ ही पुरुषों ने भी उनके महत्व को समझाया है। आज महिलाएं सपने देख रही हैं तो उन्हें पूरा करने का रोड मैप भी बना रही हैं। उनकी इच्छा और क्षमता देखकर पति, घर के अन्य सदस्य व समाज किसी भी तरह के तर्क देकर पैरों में बेड़ियां नहीं डाल रहे और जब घरवाले साथ हों तो समाज भी साथ हो जाता है। यह कहना है शहर की प्रसिद्ध समाज सेविका मंजरी गोयल का। मंजरी गोयल एक सुलझी हुई और महत्वाकांक्षी महिला हैं। जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से न केवल अपनी पहचान बनाईं, बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी बनी हैं।
संक्षिप्त परिचय
मंजरी गोयल का जन्म दिनांक 17 मई को अल्मोड़ा उत्तराखंड में हुआ और स्कूली शिक्षा सेंट पॉल एन एडम्स गर्ल्स, इंटर कॉलेज, कॉलेज शिक्षा कुमाऊं विश्वविद्यालय से हुई। 30 अप्रैल 1997 को मंजरी की शादी पानीपत निवासी विशाल गोयल से हुई। ससुर वेद गोयल (एक्स.एमसी) एवं सास अंजू गोयल (पूर्व एम सी) ने अपनी बहु मंजरी को हर सामाजिक कार्यों में पूरी तरह से साथ दिया। मंजरी और विशाल के दो बच्चे विभूति गोयल और मधुर गोयल हैं ।
सामाजिक सेवाओं का सफर
2020-21 में इनरव्हील क्लब की प्रेसिडेंट बनीं। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन ज़िला इकाई महिला विंग की जिलाध्यक्ष हैं, अग्रवाल संगठन , रोटरी क्लब पानीपत मिडटाउन, सबको रोशनी फाउंडेशन, इनरव्हील क्लब पानीपत मिडटाउन और लॉयनैंस कल्ब से जुड़ी हुई हैं। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के बैनर तले भी ज़रूरतमंद लोगों की मदद करती हैं। अपना और अपने बच्चों के जन्मदिन और सालगिरह आदि गौशाला में मनाती हैं, ताकि बच्चों को अपनी संस्कृति का भी पता चले। अखिल भारतीय में करीब 20 से ऊपर महिलाओं को सिलाई मशीनें दी हैं। गरीब लड़कियों की शादी करवा रहीं हैं। ज़रूरतमंद बच्चों को पढ़ाई करवा रहीं हैं। दिशा दिव्यांग स्कूल के बच्चों की भी हर संभव मदद कर रही हैं।
प्रकृति प्रेम भी काबिलेतारीफ
मंजरी ने बताया कि उन्होंने अपने कार्यकाल में टीम के साथ मिल कर इनरव्हील क्लब पानीपत मिडटाउन में मुख्य 98 प्रोजेक्ट्स किए जिन्हें ख़ूब सराहा गया।कोरोना काल में भी कोरोना योद्धा के रूप में सेवाएं दी। मंजरी गोयल विभिन्न संगठनों से जुड़कर गरीब, ज़रूरत मंद परिवारों और बच्चों की मदद तो कर ही रही हैं साथ ही इनका प्रकृति प्रेम भी काबिलेतारीफ है। एक गौ-शाला में काउडंग मशीन भी लगाई गई है। पशु – पक्षियों के लिए चारा, दाना पानी की व्यवस्था हो या पौधारोपण हर गतिविधि में अग्रणी भूमिका निभाती हैं। मंजरी ने इनरव्हील की तरफ से वृक्षारोपण किया था और पार्क गोद लिया था साथ ही साथ समय-समय पर प्लास्टिक बैन मुहिम के तहत लोगों को जागरूक करने की ज़िम्मेदारी भी बखूबी निभा रही हैं।
अवार्ड एवं सम्मान
मंजरी की सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति सक्रिय भूमिका को देखते हुए प्रशासन, जन सेवा दल, महिला मोर्चा सहित विभिन्न संस्थाओं एवं संगठनों ने मंजरी गोयल को विभिन्न प्रकार के अवार्ड और सम्मान से नवाजा है।
- इनरव्हील में बेस्ट प्रेसिडेंट का अवॉर्ड और क्लब को बेस्ट क्लब का अवॉर्ड मिला।
- वॉयस ऑफ पानीपत से कोरोना योद्धा का अवॉर्ड ।
- एक दैनिक हिंदी समाचार पत्र से पर्यावरण मित्र का अवार्ड मिला..।
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस भाजपा महिला मोर्चा की तरफ से कोविड-19 योद्धा पुरस्कार मिला।
- दादा लखमी चंद कला विकास मंच की तरफ से दुर्गा शक्ति पुरस्कार मिला।
- 15 अगस्त को पानीपत जिला प्रशासन की तरफ से सम्मानित किया गया।
- विश्व जागृति मिशन की ओर से आयोजित एक समारोह में अर्चिका सुधांशु द्वारा सम्मानित किया गया।
संदेश
मंजरी का कहना है कि जैसे-जैसे लड़कियों ने अपनी उड़ान के लिए पंख फैलाए हैं और खुद को साबित किया है, वैसे-वैसे परिवार और समाज ने भी उनकी क़ाबिलियत को स्वीकार कर लिया है। अब अगर वे अपने दम पर कुछ करना चाहतीं हैं तो उन्हें परिवार और समाज की सहमति मिल जाती है, बशर्ते उन्हें खुद पर भरोसा हो और वे आगे बढ़ने से डरती न हों।
मंजरी गोयल ने महिलाओं के लिए संदेश देते हुए कहा कि :
“मुश्किल है पर इतना भी नहीं,
कि तू कर ना सके,
दूर है मंजिल लेकिन इतनी भी नहीं,
कि तु पा ना सके,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
एक दिन तुम्हारा भी नाम होगा,
तुम्हारा भी सत्कार होगा,
तुम कुछ लिखो तो सही,
तुम कुछ आगे पढ़ो तो सही,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।”