क्या कहते हैं एक्सपर्ट
छींकना एक सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया है। इसका किसी शुभ या अशुभ कार्य से कोई संबंध नहीं है। दरअसल, छींक नाक के अंदर मौजूद नर्वस सिस्टम के उत्तेजित होने की वजह से आती है। यह प्रतिक्रिया, नाक में धूल-मिट्टी, कण या पराग जैसे तत्वों के जाने पर हो सकती है। इसके अलावा, इंफेक्शन या फ्लू आदि होने पर भी व्यक्ति को छींक आ सकती है।
छींक क्यों आती है
एलर्जी
अगर आपको किसी चीज से एलर्जी है, तो इसके संपर्क में आने से आपको छींक आ सकती है। खासकर, धूल-मिट्टी, पराग या प्रदूषण आदि से एलर्जी हो सकती है। कुछ लोगों को जानवरों के बालों से भी हो सकती है। इनके संपर्क में आने से छींक आ सकती है।
सर्दी-जुकाम
कई बार सर्दी-जुकाम होने पर आपको छींक आ सकती है। वायरस या बैक्टीरिया से संक्रमित होने की वजह से आपको छींक आ सकती है। खासकर, जिन लोगों को फ्लू है, उन्हें छींक ज्यादा परेशान कर सकती है।
तेज गंध
किसी-किसी व्यक्ति को तेज गंध की वजह से भी छींक आ सकती है। परफ्यूम, गैस या धुआं की गंध की वजह से हो सकती है। इससे छींक आ सकती है।
मौसम में बदलाव
कुछ मामलों में लोगों को मौसम में बदलाव की वजह से छींक आ सकती है। ठंडा-गर्म होने पर छींक आ सकती है। कुछ लोगों को बदलते मौसम में छींक अधिक आती है।
नाक की सफाई न करना
नाक की सफाई न करना भी, छींक आने के पीछे का एक कारण हो सकता है। दरअसल, जब नाक में गंदगी या बैक्टीरिया जमा हो जाती है, तो इन्हें बाहर निकालने के लिए छींक आ सकती है।