रमन भनोट
दुनिया की दो चोटी की टीमों – ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच टी-20 सीरीज़ में क्लीन स्वीप नहीं हो सका। इंग्लैंड को जहां लगातार खेलने का लाभ मिला, वहीं ऑस्ट्रेलिया को छह महीने में पहली सीरीज़ खेलने का नुकसान हुआ। गनीमत है कि उसकी टॉप रैंकिंग बच गई। इससे पहले उसने 2009 में लॉर्ड्स में भारत के खिलाफ उसने 153 रनों का बचाव किया था। इस तरह ये रनों का बचाव करने के मामले में दूसरी बड़ी कामयाबी है।
कप्तान फिंच का अपने दो फ्रंटलाइन स्पिनरों का इस्तेमाल करना सवालों के घेरे में रहा। उन्होंने पॉवरप्ले में दूसरे ही ओवर में बाएं हाथ के स्पिनर एश्टन एगर को मोर्चे पर लगाया जिसमें उन पर बटलर और बेयरस्टो ने 16 रन जड़ दिए। इसके अलावा लेग स्पिनर एडम ज़ैम्पा को 19वें ओवर में लाने का उनका फैसला भी चौंकाने वाला था जिससे इंग्लैंड को लक्ष्य पर पहुंचने में आसानी हुई।
दूसरे टी-20 में फिंच ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करके बड़ी भूल की जिससे ऑस्ट्रेलिया ने शीर्ष तीन खिलाड़ियों के विकेट जल्दी गंवा दिए। इस मैच में बटलर ने 77 रन की नॉटआउट पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया से जीत छीन ली। इनफॉर्म खिलाड़ी डाविड मालान का भी उन्हें भरपूर साथ मिला। इस बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने केवल 16 मैचों में सात हाफ सेंचुरी और एक सेंचुरी लगाकर अपने लगातार अच्छे फॉर्म का परिचय दिया और वह अब आईसीसी की ताज़ा रैंकिंग में बाबर आज़म को पीछे छोड़कर टॉप पर पहुंच गए हैं।
इंग्लैंड ने यह जीत जेसन राय और बेन स्टोक्स के बिना हासिल की है। तीसरे मैच में तो इयोन मोर्गन और जोस बटलर भी मौजूद नहीं थे। ज़ाहिर है कि ऑस्ट्रेलिया की खुशकिस्मती थी कि वह क्लीन स्वीप का शिकार होने से बच गया और किसी तरह उसने अपनी टॉप रैंकिंग को भी बचा लिया।
फिंच का इस मैच में मैथ्यू वेड, मिचेल मार्श और जोश हैज़लवुड को खिलाना मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज़ों के बढ़िया प्रदर्शन से इंग्लैंड की टीम को 145 रन सिमटाने में मदद मिली। हालांकि रनों का पीछा करते हुए आदिल रशीद की लेग स्पिन पर क समय ऑस्ट्रेलिया के लिए खतरा साबित हो गया था। वह तो भला हो मिचेल मार्श का, जिन्होंने ठंडे दिमाग से खेलते हुए मुक़ाबले को ऑस्ट्रेलिया की ओर मोड़ दिया।
फिर भी ऑस्ट्रेलिया के लिए कई सवाल अभी सुलझे नहीं हैं। विकेटकीपर के तौर पर वेड या कैरी में से किसे प्राथमिकता दी जाए। स्टीव स्मिथ को किस नम्बर पर खिलाया जाए। मैक्सवेल कब तक फॉर्म में लौटेंगे और आरोन फिंच से हमेशा ही अच्छी शुरुआत की उम्मीद कैसे की जा सकती है। अब 11 सितम्बर से वनडे सीरीज़ का हर कोई बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है।
(लेखक स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टर और क्रिकेट कमेंटेटर हैं जो इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही सीरीज़ में भी टीवी कमेंट्री कर रहे हैं)