2024 में रियल एस्टेट डेवलेपरों ने कुल भूमि का 44 प्रतिशत छोटे शहरों में खरीदा
Real Estate Business (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारत तेजी से बढ़ और विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश को 2047 तक विकसित भारत का नारा दिया हुआ है। देश के विकास और अर्थव्यवस्था के मजबूत होने में जिन क्षेत्रों का सबसे ज्यादा योगदान है उनमें से रियल एस्टेट कारोबार प्रमुख है। हालांकि कुछ समय पहले रियल एस्टेट का मतलब केवल बड़े शहरों और मेट्रो सिटी में नई कॉलोनियां विकसित करना होता था।
लेकिन अब यह रूझान काफी ज्यादा बदल गया है। अब इन कारोबारियों को बड़े शहरों से ज्यादा छोटे या यूं कहें कि दूसरे और तीसरे स्तर के शहर पसंद आ रहे हैं। यही वजह है कि रियल एस्टेट कारोबारी अब इन शहरों में दिल खोलकर पैसा लगा रहे हैं।
रियल एस्टेट से जुड़े ये आंकड़ें दे रहे हैं गवाही
देश भर में रियल एस्टेट में जबरदस्त तेजी है। 2024 में 60 प्रमुख शहरों में 7.5 लाख करोड़ रुपऐ के कुल 6.81 लाख मकान बिके हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे और तीसरे स्तर के शहर अब रियल एस्टेट के लिए विकास के चालक बन रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में इनकी भूमिका और बढ़ेगी। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में डेवलपरों ने 3,294 एकड़ भूमि अधिग्रहित की। इनमें से 44% जमीन छोटे शहरों में थी। इससे पता चलता है कि निवेश की पद्धति में अब बदलाव आ रहा है। यह आंकड़ा इन शहरों की दीर्घकालिक आर्थिक और बुनियादी ढांचे की वृद्धि क्षमता को दर्शाता है।
लोगों की पसंद अभी भी लग्जरी होम
रिपोर्ट से पता चलता है कि लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी यानी महंगे और बहुत महंगे मकानों की बिक्री जमकर हो रही है। कुल बिक्री में इनका योगदान 71 फीसदी हो गया है। एक से दो करोड़ रुपये वाली प्रॉपर्टी में 52 फीसदी की तेजी आई है। इस तरह के कुल 1.33 लाख मकान बिके हैं। दो करोड़ रुपये से अधिक की कीमत वाले मकानों की बिक्री 73 फीसदी बढ़ी है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र का कुल मूल्य 22.5 लाख करोड़ हो गया है। यह भारत की जीडीपी में 7.2 फीसदी का योगदान करता है। दूसरे और तीसरे स्तर के शहर इसमें प्रमुख योगदान दे रहे हैं।
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