Aaj Samaj (आज समाज),Slogan Writing Competition,पानीपत : आई.बी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिंदी व संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय भाषा दिवस 2023 की कड़ी में “स्लोगन लेखन” प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता के विषय “भारतस्य प्रतिष्ठा संस्कृत भाषा” व “हमारा अभिमान, हमारी शान हिंदी” रहे। इस प्रतियोगिता में 35 विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। प्राचार्य डॉ. अजय कुमार गर्ग ने सफल आयोजन पर आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियों से विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ता है। विद्यार्थियों को बिना हार-जीत की भावना के पूर्ण उत्साह से ऐसी प्रतियोगिताओं में सहभागिता करनी चाहिए ताकि उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर प्राप्त हो।
कार्यक्रम की संयोजिका व हिंदी विभागाध्यक्षा डॉ. शशि प्रभा का कहना है कि संस्कृत व हिंदी भाषा भारत की एकता, देशभक्ति, संस्कृति और समृद्धि की प्रतीक हैं। ये दोनों कम्प्यूटर के लिए भी उपयुक्त भाषा बन चुकी हैं। भारत की अधिकांश साहित्यिक रचनाएं, इतिहास और परंपरा से संबंधित बातें हिंदी व संस्कृत में ही लिखी गई हैं। कालिदास की अद्भुत साहित्यिक कृति मेघदूतम्, पतंजलि के योगसूत्र, महाभारत, रामायण सभी मूल रूप से संस्कृत एवं मैथिलीशरण गुप्त का साकेत, हरिऔध का प्रिय प्रवास सभी मूल रूप से हिंदी में ही लिखे गए थे।अतः भारतीय भाषा दिवस का उद्देश्य हिंदी व संस्कृत भाषा के महत्व को बढ़ावा देना है और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है।
संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. अंजलि का कहना है कि संस्कृत व हिंदी भाषा भारतीय संस्कृति और विचारधारा का माध्यम होकर भी अनेक दृष्टियों से धर्म निरपेक्ष रही है। ये ऐसी भाषाएँ हैं जिसका व्याकरण भाषा को सटीक, स्पष्ट और मशीनी भाषा के रूप में उपयुक्त बनाता है। कॉलेज की प्रबंधन समिति, प्राचार्य डॉ. अजय कुमार गर्ग एवं उपप्राचार्या प्रो. रंजना शर्मा एवं उपस्थित प्राध्यापकों द्वारा विजेता विद्यार्थियों को ट्रॉफी व सर्टिफिकेट्स प्रदान किए। निर्णायक मंडल की भूमिका डॉ. सुनीता ढांडा व डॉ. जोगेश ने निर्वहन की। प्रतियोगिता को सफल बनाने में डॉ. पूजा व डॉ. रेखा ने अहम भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम में डॉ. निर्मला, डॉ. प्रवीण, डॉ. नरवीर आदि मौजूद रहे।
प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे
प्रथम स्थान – सूचिका, एम. ए. द्वितीय वर्ष
द्वितीय स्थान – कशिश, बी. ए. तृतीय वर्ष
तृतीय स्थान – इशिका, बी. ए. प्रथम वर्ष
सांत्वना पुरस्कार – शीला, बी. ए. तृतीय वर्ष