जब हम पेट के बल पर सोते हैं, तो शरीर के वजन के कारण रीढ़ की हड्डी (spinal cord) ज्यादा नीचे की ओर दब जाती है। इससे एक धनुष जैसी संरचना बन जाती है। अगर कोई लगातार इसी तरह सोता है तो रीढ़ की हड्डी पर स्थायी दुष्प्रभाव पड़ सकता है। इससे चलते समय दर्द से लेकर कई अन्य तरह की परेशानियां हो सकती हैं।
2. पीठ, गर्दन और कंधे में दर्द
पेट के बल सोते समय सांस लेने के लिए आपको अक्सर अपनी गर्दन किसी एक तरफ घुमाकर रखनी पड़ती है। इससे के साथ उसका अलाइनमेंट बिगड़ जाता है। इससे गर्दन और कंधे में दर्द का सामना करना पड़ सकता है। सोने का तरीका सही न हो तो सिर दर्द और पीठ में दर्द की समस्या भी हो सकती है।
3. चेहरे पर पड़ सकती हैं झुर्रियां
सोते वक्त अधिकतर लोग तकिए में चेहरा दबा लेते हैं। इससे चेहरे पर समय से पहले झुर्रियां पड़ने का खतरा बना रहता है। रात भर चेहरे की त्वचा में खिंचाव महसूस होने लगता है। इससे स्किन सेल्स प्रभावित होते हैं, जिससे झुर्रियों का सामना करना पड़ता है।
गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर पर पेट के बल सोने से बचना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान अक्सर पेट के बल सोना असहज रहता है, जिससे नींद पूरी नहीं होती है। लगातार ऐसा होना तनाव, अवसाद और एंजाइटी का कारण बन सकता है। यह गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी हानिकारक साबित होता है।
जानिए क्या है सोने की सबसे अच्छी पॉजीशन
सबसे अच्छी पोजिशन बाएं करवट होकर सोना है। इससे खर्राटे भी कम आते हैं और पाचन संबधी समस्याएं दूर होने लगती हैं। सीधा पीठ के बल लेटना भी कमर दर्द व कुछ अन्य समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद रहता है। कभी कभार आराम के लिए पोजिशन बदलनी होए तो पेट के बल सोना सही हैए लेकिन बहुत देर तक ऐसा नहीं करना चाहिए और आदत में तो बिलकुल भी नहीं शामिल करना चाहिए।