Sita Navami-2025, आज समाज डिजिटल: हिंदु धर्म में सप्ताह के हर दिन कोई न कोई त्योहार अथवा हफ्ते का प्रत्येक दिन देवी-देवताओं को समर्पित है। इस तरह सीता नवमी यानी माता सीता का जन्मोत्सव। सीता जयंती के नाम से भी इस दिन को जाना जाता है।

यह भी पढ़ें : Religion: नाथ पंथ का समरसता संदेश, सनातन धर्म में समरसता का भाव समाहित

सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं महिलाएं

धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक माता सीता का जन्म मंगलवार को पुष्य नक्षत्र में हुआ था। इस तरह 05 मई को इस बार सीता नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर वाले दिन यवतियां व महिलाएं अपने सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं।

पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं महिलाएं

सीता नवमी पर शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की ईश्वर से कामना करती हैं। महिलाएं व युवतियां इस दिन जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि सीता नवमी का शुभ मुहूर्त क्या है और उस दिन क्या उपाय करने चाहिए।

इस तारीख को व इतने बजे होगा नवमी तिथि का प्रारंभ

वैशाख शुक्ल नवमी तिथि का प्रारंभ पांच मई 2025 की सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है। वहीं यह तिथि 6 मई को सुबह 8 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए सीता नवमी का पर्व 5 मई को मनाया जाएगा। उस दिन सोमवार होगा। इस दौरान सीता माता की पूजा के लिए ये मुहूर्त सबसे उत्तम रहेगा।

उपाय

  • सीता नवमी के दिन माता सीता को प्रसाद अर्पित करें। कन्याओं को प्रसाद खिलाएं।
  • माता सीता को सीता जयंती पर 16 श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
  • जयंती पर माता सीता को लाल कपड़ा या लाल चुनरी चढ़ाने से विवाह संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
  • माता सीता के जन्मोत्सव पर भूमि पूजन का विशेष महत्व है। उस दिन धरती मां व माता सीता की स्तुति करें।
  • सीता नवमी पर ‘ॐ पतिव्रताय नम:’ मंत्र का जाप करें सीता चालीसा का पाठ भी करें।
  • शादी में आने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए भगवान श्री राम व माता लक्ष्मी की पूजा करें। इसके साथ हल्दी की गांठें चढ़ाएं और सीता नवमी के दिन व्रत जरूर रखें।

यह भी पढ़ें :  Pitru Paksha News: अपने पूर्वजों एवं पितरों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का पुण्य अवसर है पितृपक्ष