श्री आदर्श रामलीला कमेटी के भव्य रंगमंच पर हुआ सीता हरण की लीला का मंचन

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Sita Haran's Leela was staged on a grand theater

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:

शहर की सब्जी मंडी के नजदीक श्री आदर्श रामलीला कमेटी के भव्य रंगमंच पर बीती रात खर दूषण वध व सीता हरण की लीला का मंचन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि कोआपरेटिव बैक के चेयरमैन कवंर सिंह यादव रहे व अध्यक्षता दिनेश डालू सिंह चेयरमैन मार्केट कमेटी ने की। आए हुए अतिथियों ने भगवान श्री गणेश व मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर लीला का शुभारंभ किया। इस मौके पर कवंर सिंह ने बोलते हुए कहा कि जिस तरह भगवान राम ने अपने पिता के वचनों का पालन करते हुए अयोध्या का राज छोड़कर वनों को चले गए, वहां जाकर दुष्टों का उद्धार किया। भगवान राम से प्रेरणा लेकर हमें भी अपने अंदर अहंकारी रूप के रावण को मारकर समाज हित में धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।

श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण तीनों पंचवटी में

इस दौरान अध्यक्षता कर रहे एडवोकेट दिनेश तंवर ने कहा कि हमें भाईचारे की भावना से रहना चाहिए। जिस तरह भगवान राम एवं लक्ष्मण हर समय सुख-दुख में मिलकर एक दूसरे के साथ रहते थे उसी प्रकार हमें भी मिलजुल कर रहना चाहिए ताकि हम किसी भी बड़ी से बड़ी विपत्ति का आसानी से सामना कर सकें। आज की लीला में श्री राम माता सीता लक्ष्मण तीनों पंचवटी में पहुंचते हैं। जहां पर वनों में विचरण करते हुए सूर्पनखा उनको देखकर मंत्रमुग्ध हो जाती है। वह श्री राम व लक्ष्मण से शादी करने का प्रस्ताव रखती है। जिस पर दोनों भाई उससे शादी करने के लिए मना कर देते हैं। वह क्रोधित होकर माता सीता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करती है। जिसे देखकर लक्ष्मण को क्रोध आता है तथा वह अपने बाणों से सूर्पनखा की नाक काट देते है।

रावण ने माता सीता का हरण किया

इसके बाद सूर्पनखा यह सारा वृतांत जाकर के अपने भाई लंका के राजा दशानन रावण को सुनाती है। यह बात सुनकर रावण बहुत क्रोधित होता है और किसी तरह सीता को हरने की योजना बनाता है। उसके लिए वह मारीच के पास जाता है और उसे सोने का मृग बनाकर पंचवटी में भेजता है। उस सुंदर मृग को देखकर सीता जी मोहित हो जाती है। वह श्री राम को उसको पकड़े के लिए भेजती हैं। वह मृग के रूप में मायावी राक्षस मारीच भगते हुए श्रीराम की आवाज निकालकर लक्ष्मण का नाम लेता है। जिसे सुनकर सीता माता बड़ी ही व्याकुल हो उठती है और लक्ष्मण को अपने भैया राम की सहायता के लिए भेज देती है। उसके बाद सीता माता को अकेली देख रावण साधु के वेश में भिक्षा मांगने के लिए आता है। जिसे भिक्षा देने के लिए सीता माता जब लक्ष्मण रेखा को पार करती है तब रावण माता सीता का हरण कर ले जाता है।

रामलीला में मौजूद थे

आज के लीला के दौरान राम के अभिनय में सुरेश गोस्वामी, लक्ष्मण नवीन कुमार, सीता नमन, रावण शुभम तिवारी, खर प्रकाश सैनी, दूषण केशव अग्रवाल, जटायु कुलदीप सैनी, सुतीक्षण भगवान दास सैनी, शबरी लक्ष्मी नारायण सहित सभी कलाकारों ने अपने-अपने किरदारों को बहुत ही खूबी से निभाते हुए दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर रामलीला के प्रधान सुरेंद्र बंटी, रामलीला के प्रेस सचिव कर्म करना, पूर्व प्रधान हरि सिंह यादव, गोविंद राम सैनी, लक्ष्मीनारायण सैनी, मनोहर लाल यादव, लीलू शर्मा, डॉक्टर विष्णु शर्मा, पवन चौहा, दौलत सैनी, विजय फूल वाला, विजय प्रजापत, रोहित, दीपक, दीपू सेठ, राहुल, अजय लखेरा, संदीप यादव, सुरेश सैनी, सोमबीर लखेरा, राजेंद्र शर्मा सहित सभी पदाधिकारी, कार्यकर्ता, कलाकार व हजारों की संख्या में दर्शक गण मौजूद थे।

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