नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में अगस्त में केंद्र सरकार ने आर्टिकल-370 हटा दिया था उस दौरान जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए नजरबंद किया गया था। जिसमें फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया था। अब सारा अब्दुल्ला पायलट ने अपने भाई पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सारा ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के तहत अपने भाई की हिरासत का विरोध किया है। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल उठा रहे हैं। उन्होंने कोर्ट में मामले की त्वरित सुनवाई की मांग की थी जिस पर जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमती जताई है। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामले दर्ज किए जाने के लिए नेकां नेता की पार्टी की आंतरिक बैठकों की कार्यवाहियों और सोशल मीडिया पर उनके प्रभाव तथा पीडीपी प्रमुख के ”अलगाववादी” समर्थक रुख का अधिकारियों ने जिक्र किया है। उमर (49) और महबूबा (60) को पिछले साल पांच अगस्त से एहतियातन हिरासत में रखा गया है, जब केंद्र ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने और इस पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों- लद्दाख एवं जम्मू कश्मीर- में बांटने की घोषणा की थी।