नईदिल्ली। आखिरकार 28 सालों बाद केरल के चर्चित सिस्टर अभया मर्डर केस में न्याय मिल सका। सिस्टर अभया केस में दोषी पाए गए लोगों को उम्रकैद की सजा हुई। सिस्टर अभया मामले में दोषियों को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सजा सुनाई। केरल के कोट्टयम में 28 साल पहले
सिस्टर अभया की हत्या हुई थी जिसेलेकर मामला कोर्ट में चल रहा था। दोषी पाए गए कैथोलिक पादरी और नन को बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के सनल कुमार ने कैथोलिक चर्च के फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी को सजा सुनाई और दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए जुमार्ना भी लगाया। यह मामला 21 वर्षीय अभया की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत से संबंधित है। उनका शव 27 मार्च 1992 को सेंट पायस कॉन्वेंट के एक कुएं से मिला था। पादरी और नन को सबूतों से छेड़छाड़ करने के मामले में भी सात-सात साल की सजा सुनाई गई है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अदालत ने मंगलवार को कहा था कि पदारी और नन के खिलाफ हत्या के आरोप साबित हुए हैं। अदालत ने दोनों को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या) एवं 201 (सबूतों के साथ छेड़छाड़ करना) के तहत दोषी पाया था। दोषी जमानत पर हैं और उन्हें कोविड-19 की जांच कराने के बाद हिरासत में ले लिया गया। फादर कोट्टूर को पूजापुरा की केंद्रीय जेल भेजा गया है जबकि सिस्टर सेफी को यहां अत्ताकुलनगारा महिला जेल भेजा गया है। बता देंकि सीबीआई ने फादर कोट्टूर, फादर पूथ्रीक्कयील और नन सेफी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। अभियोजन के मुताबिक, कोट्टूर और पूथ्रीक्कयील का कथित रूप से सेफी से अवैध संबंध था। सीबीआई के आरोप पत्र के मुताबिक, 27 मार्च 1992 की रात को अभया ने कोट्टूर और सेफी को कथित रूप से आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया जिसके बाद आरोपियों ने अभया पर कुल्हाड़ी से हमला किया और उसे कुएं में फेंक दिया।