चंडीगढ़। सुशासन दिवस के अवसर पर करनाल जिले का सिरसी गांव हरियाणा का पहला ऐसा गांव होगा जो लाल डोरे से मुक्त होगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को यहां हुई एक समीक्षा बैठक में लिया। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रकार की संपत्तियों की टैगिंग की जानी चाहिए, चाहे वह कृषि भूमि है, निजी भूमि है, सरकारी विभागों की है, शामलात है या पंचायती, सभी प्रकार की श्रेणियों का अलग-अलग ढंग से चिन्हित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल को निर्देश दिए कि लाल डोरे के अंदर की ग्राम पंचायत की सम्पत्तियों का रिकॉर्ड का ब्यौरा सर्वेक्षण आॅफ इंडिया को उपलब्ध करवाएं। बाद में ड्रोन द्वारा तैयार किए गए नक्शे के साथ मिलान करवाकर ग्राम सभा से इसे सत्यापित करवाएं कि उक्त सम्पत्ति की मलकियत किस की है। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हरियाणा के साथ लगते अन्य राज्यों की सीमाओं की निशानदेही भी सर्वेक्षण आॅफ इंडिया द्वारा तैयार किए गए नक्शों के अनुरूप करें। उल्लेखनीय है कि 1 नवंबर, 2018 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के सभी गांवों को लाल डोरे से मुक्त करने की घोषणा की थी, ताकि लाल डोरे के अंदर के प्लाटों व मकानों की रजिस्ट्री करवाई जा सके और लोग अपनी सम्पत्तियों का क्रय-विक्रय कर सकें और इससे गांव में झगड़े व विवाद भी कम होंगे। बैठक में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, भारतीय सर्वेक्षण के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गिरीश कुमार विशिष्ट सेवा मेडल, मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, अतिरिक्त प्रधान सचिव वी.उमाशंकर, उप अतिरिक्त प्रधान सचिव आशिमा बराड़, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधू, करनाल के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह के अलावा सर्वेक्षण आॅफ इंडिया, विकास एवं पंचायत, राजस्व विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।