Sirsa News : पुलिस विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्त्री-पुरुष समानता पर सिरसा में वर्कशॉप का आयोजन

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पुलिस विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्त्री-पुरुष समानता पर सिरसा में वर्कशॉप का आयोजन
पुलिस विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्त्री-पुरुष समानता पर सिरसा में वर्कशॉप का आयोजन

(Sirsa News) सिरसा। राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से पुलिस विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शनिवार को स्थानीय चौ देवीलाल विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में स्त्री पुरूष समानता में नागरिक दायित्व व शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में शिक्षाविदों, साहित्यकारों, मनोवैज्ञानिकों और छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर एसडीएम कालांवाली सुरेश रावेश ने बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की और एएसपी उत्तम श्री ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम का आयोजन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण व महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक मोनिका मलिक के मार्गदर्शन में करवाया गया।

अधिकारों को लेकर महिलाओं में जागरुकता जरूरी : एएसपी उत्तम

मुख्य अतिथि एसडीएम कालांवाली सुरेश रावेश ने कहा कि महिला सुरक्षा, शक्तिकरण और समानता कोई साधारण विषय नहीं है, ये बेहद अहम मुद्दे हैं। हमारे संविधान में महिलाओं के उत्थान के लिए कानून बनाए गए हैं। किसी भी स्तर पर, चाहें कार्यालय, घर या अन्य स्तर पर हुई किसी भी प्रकार की प्रताडना के लिए कानून बनाए गए हैं। इसके अलावा महिलाओं को नौकरियों व अन्य कार्यक्षेत्रों में आरक्षण का भी प्रावधान है ताकि उन्हें सही प्लेटफार्म मिल सके। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को बुनियादी बातों के बारे में अवश्य जागरूक करें, उन्हें गुड टच-बेड टच के बारे में बताएं तथा उनसे खुल कर बातें करे ताकि यदि उन्हें कोई समस्या है तो वे बता सकें। इसके अलावा, अभिभावक अपने बच्चों को दूसरों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने, सुरक्षित सीमाओं को समझने और किसी भी अनुचित व्यवहार के बारे में खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि महिला अधिकारों के प्रति जागरूकता और कार्यान्वयन जरूरी है।

इस अवसर पर एएसपी उत्तम श्री ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को दोहराया कि केवल महिलाएं ही स्वयं को सशक्त बना सकती हैं। महिलाओं को स्वयं के अधिकारों के प्रति जागरूक होना जरूरी है, भारतीय संविधान में संपत्ति अधिकार, घरेलू हिंसा कानून, और यौन शोषण से बचाव के लिए कानून बनाए गए हैं। पोक्सो एक्ट में बच्चों के साथ यौन अपराध करने वालों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। इसके अलावा महिला उत्पीड़न, यदि कोई कमेंट करे, टच या तस्वीर के माध्यम से ब्लैकमेल करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई संभव है। यदि कार्यस्थल पर कोई उत्पीडन होता है तो, आंतरिक शिकायत समिति में महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। प्रदेश के हर जिले में आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 लागू है, किसी भी आपात स्थिति में 6 मिनट में पीसीआर मौके पर पहुंचती है। सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सिरसा में 86 हॉटस्पॉट बनाए गए हैं, जहां विशेष गश्त और निगरानी की जाती है। महिला पुलिस को भी इस पहल में शामिल किया गया है, ताकि महिलाएं बिना किसी झिझक अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकें।

कार्यक्रम में सीडीएलयू के रजिस्ट्रार डॉ. राजेश बंसल, डॉ. रविंदर पुरी, उप निदेशक डा दर्शना सिंह, सीडीएलयू से युवा कल्याण निदेशक प्रो. मंजू नेहरा ने भी अपने विचार रखें। कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन पुलिस मुख्यालय पंचकूला से पहुंचे जन संपर्क अधिकारी राजीव रंजन ने किया और महिला शक्तिकरण पर अपने विचार रखें। उर्दू के शायर शम्श तबरेजी ने महिला सशक्तिकरण व उनके अधिकारियों को लेकर कई नज्म पेश की और अपने विचार रखें। इस अवसर पर हिंदी की विख्यात साहित्यकार डॉ. सविता सिंह वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से जुडी। पंचकुला से शुरूआत समिति संस्था से बच्चों ने “जिंदगी ना मिलेगी दौबारा” और “वसुंधरा करे पुकार” नाटक के माध्यम से मार्मिक संदेश दिया। चित्रकार राजेंद्र भट्ट, डा. रेणू बारीवाल, डा. मोहन जांगिड़ व डा. किशोर कुमार मीणा ने महिला सशक्तिकरण पर आधारित पेंटिंग का प्रदर्शन किया।जिला कार्यक्रम अधिकारी सुदेश ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर सिक्योरिटी इंचार्ज बलवान सिंह, दर्शना व कोमल को मुख्यअतिथि ने सम्मानित किया।

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