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अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश प्रवीण कुमार ने डेढ़ साल की मासूम बच्ची को अगवाकर उसके साथ दुष्कर्म के दोष में अपराधी रविंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अभियुक्त पर 50 हजार रुपये का दंड भी लगाया। दंड नहीं भरने पर छह माह अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अभियुक्त के रहम की गुहार को खारिज कर दिया।
बड़ी बहन के साथ खेल रही थी मासूम
मासूम की मां ने रिपोर्ट में बताया था कि 4 जून 2019 को उसकी एक डेढ़ वर्षीय बच्ची घर के बाहर अपनी बड़ी बहन के साथ खेल रही थी। वह अपने पति के साथ घर के अंदर काम कर रही थी। करीब पांच बजे तीन वर्षीय बड़ी बेटी ने उसे आवाज लगाई। इसके बाद वह और उसके पति मौके पर पहुंचे। देखा कि उसकी बच्ची को फतेहाबाद जिले के गांव पीली मंदोरी निवासी ने अपनी गोद में ले रखा था। उन्हें देख रविंद्र बाइक छोड़कर बच्ची को लेकर भाग गया। शोर मचाने पर खेतों में काम कर रहे ग्रामीणोें ने पीछाकर रविंद्र को पकड़ लिया। ग्रामीणों ने आरोपी की गोद से बच्ची अपने हाथों में ली।
दुष्कर्म के कारण बिगड़ गई थी हालत
बच्ची के साथ दुष्कर्म होने के कारण उसकी हालत बिगड़ गई थी। इसलिए बच्ची को सिरसा नागरिक अस्पताल ले गए। सूचना मिलने पर महिला थाना सिरसा पुलिस अस्पताल पहुंची। फैसला सुनाए जाने से पहले दोषी रविंद्र ने न्यायाधीश प्रवीण कुमार से सजा में नरमी बरतने की गुहार लगाते हुए कहा कि उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। इसी कारण उससे यह अपराध हो गया। न्यायाधीश ने कहा कि ये कोई सामान्य अपराध नहीं, ये बहुत ही घिनौना अपराध है। इसमें रहम की कोई गुंजाइश नहीं। इस प्रकार उसे सख्त से सख्त जा दी जाएगी, जिससे कि समाज में कोई भी शख्स ऐसी घटिया और घिनौनी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।
सजा सुनकर रोने लगा था दोषी
इसके बाद न्यायाधीश ने दोषी रविंद्र को उम्र कैद की सजा सुनाई। सजा सुनते ही रविंद्र रोने लगा। इसके बाद पुलिस कर्मचारी उसे कोर्ट से बाहर ले गए। मासूम बच्ची की हालत देख डॉक्टर भी हतप्रभ रह गए। पुलिस ने बच्ची की मां का बयान दर्ज करके आरोपी रविंद्र के खिलाफ दुष्कर्म, अपहरण व पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर मामले की छानबीन की।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में तत्कालीन महिला थाना प्रभारी एसआई मायादेवी ने आरोपी की गिरफ्तारी के चंददिनों बाद ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। शुरू में कोर्ट में तेजी से सुनवाई चली। हालांकि कोरोना काल में सुनवाई में देरी हुई। शनिवार को इस मामले का निपटारा करते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश एडीजे प्रवीण कुमार ने दोषी रविंद्र को उम्र कैद की सजा सुनाई।
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