Sirsa News : शहर में नगर परिषद और गांवों में पंचायतें संभालेंगी पेयजल व सीवरेज व्यवस्था

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Sirsa News : शहर में नगर परिषद और गांवों में पंचायतें संभालेंगी पेयजल व सीवरेज व्यवस्था
Sirsa News : शहर में नगर परिषद और गांवों में पंचायतें संभालेंगी पेयजल व सीवरेज व्यवस्था
  • जनस्वास्थ्य विभाग करेगा जल की गुणवत्ता की जांच, पेयजल आपूर्ति बाधित होने पर नप व पंचायतों की होगी जिम्मेदारी

(Sirsa News) सिरसा। शहर व गांव की पेयजल आपूर्ति को और बेहतर करने के लिए प्रदेश सरकार शहर की पेयजल व सीवरेज व्यवस्था नगर परिषद,नगर पालिका और गांव की जिम्मेदारी पंचायतों को सौंपने जा रही है। शहरी क्षेत्र में अब सीवर का कोई भी नया काम या वाटर स्टॉर्म सिस्टम से जुड़ी परियोजनाओं को नगर परिषद व नगर पालिका की ओर से कराया जाएगा। हालांकि शुरुआत में मरम्मत और लाइन की सफाई से जुड़े कार्य जनस्वास्थ्य विभाग की ही देखरेख में होंगे। यह जिम्मेदारी सौंपने के बाद जनस्वास्थ्य विभाग जल की गुणवत्ता की जांच करेगा।

पेयजल आपूर्ति बाधित होने पर नगर परिषद व पंचायत की जिम्मेदारी होगी। ऐसे में नगर पालिका व पंचायतों में मैन पावर की कमी के चलते पेयजल व सीवरेज व्यवस्था को संभाल पाना चुनौती रहेगा। वर्तमान में जलापूर्ति में तकनीकी खराबी व लाइन में लीकेज की समस्या का समाधान जनस्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से किया जाता है। विभाग के कर्मचारियों के पास वर्षों के कार्य का अनुभव होने पर भी है समस्या का समाधान तुरंत नहीं हो पाता।

सरकार की नीतियां भविष्य व लोगों के फायदों को ध्यान में रखकर तैयार की जाती

जनस्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों का कहना है कि सरकार की नीतियां भविष्य व लोगों के फायदों को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है। विभाग के मुख्य कार्यों की जिम्मेदारी शहर में नगर परिषद व नगर पालिका को और ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतों को सौंपने से लोग समस्या आने पर अपने जनप्रतिनिधि से सीधे तौर पर इसकी शिकायत कर सकेंगे।

पहले अक्सर देखने में आता था कि छोटी सी समस्या होने पर भी जनस्वास्थ्य विभाग का हवाला देकर लोगों को टाल दिया जाता था। अब नगर पार्षद व सरपंच अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकेंगे। प्रदेशभर के उच्च अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए थे कि ग्रामीण जलापूर्ति से संबंधित सभी कार्यों के बारे में सरपंचों को जागरूक करते हुए ग्राम जल व सीवरेज समिति का गठन कराकर जिम्मेदारी सौंपी जाए।

ग्राम जल व सीवरेज समिति बनाकर सौंपी जाएगी जिम्मेदारी

जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेशभर में ग्रामीण पेयजल व्यवस्था पंचायतों को हस्तांतरित कर इसमें पंचायत की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। इसके बाद पेयजल आपूर्ति, उसके रखरखाव और प्रबंधन का कार्य ग्राम पंचायत अपने स्तर पर करेगी। इस कार्य के लिए गांवों में ग्राम जल व सीवरेज समिति बनाकर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस समिति में स्वयं सहायता समूह से भी महिलाओं को शामिल किया जाएगा।

ग्राम पंचायतों में यह नीति एक अप्रैल से लागू की जाएगी। इस नीति के तहत ग्राम जल एवं सीवरेज समिति को और अधिक पावर प्रदान की गई हैं। इसमें 50 प्रतिशत महिलाओं की भूमिका हैं। ग्राम पंचायत सरपंच, ग्राम सचिव के नाम से एक बैंक खाता होगा। इसमें पेयजल संबंधित विभागीय अनुदान समेत, पीने के पानी के कनेक्शन फीस की राशि व मासिक बिल की राशि भी ग्राम पंचायत के खाते में आएगी।

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