Sirsa News : देश-दुनिया में करोड़ों लोगों ने मनाया पावन एमएसजी अवतार दिवस भंडारा

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Millions of people across the country and the world celebrated the holy MSG Avatar Day Bhandara
  • आर्थिक रूप से कमजोर होनहार बच्चों की कोचिंग फीस का प्रबंध करेगी साध-संगत

(Sirsa News) सिरसा। सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा की देश-विदेश की करोड़ों साध-संगत ने वीरवार को एमएसजी अवतार भंडारा धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया। इस अवसर पर पंडालों में गुरु भक्ति के साथ-साथ लहराते राष्टÑ ध्वज तिरंगों से देशभक्ति का भी अनुपम संगम देखने को मिला। वहीं डेरा सच्चा सौदा को रंग-बिरंगी लड़ियों, झंडियों, तोरणद्वारों, फूलों, रंगोली आदि से भव्य रूप में सजाया गया। पंडालों में जहां तक नजर दौड़ रही थी भारी तादाद में साध-संगत ही साध-संगत नजर आ रही थी। इस अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने उत्तर प्रदेश के बरनावा स्थित एमएसजी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केन्द्र शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से देश के अलग-अलग राज्यों और विदेशों में पावन भंडारे में पहुँची साध-संगत को संबोधित किया। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने मानवता भलाई के तीन नए कार्यों की शुरूआत की। जिनमें 164वें कार्य के रूप में अनाथ और बेसहारा बुजुर्ग, जिनकी संतान की मृत्यु हो चुकी है, उनको साध-संगत गोद लेकर अपने माता-पिता की भांति उनकी सार-संभाल करेगी। 165वें कार्य के तहत साध-संगत अनाथ वृद्ध आश्रमों में अपने बच्चों के साथ जाकर बुजुर्गों के साथ वक्त बिताएंगे ताकि उन्हें औलाद की कमी महसूस न हो, इसके तहत जहां वृद्ध महिलाएं होंगी, वहां परिवार छोटी बेटी को साथ लेकर जाएगा और जहां बुजुर्ग पुरुष होंगे वहां छोटे बेटों को साथ लेकर जाएंगे। वहीं 166वें मानवता भलाई कार्य के तहत असमर्थ परिवारों के होनहार बच्चे, जो कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी करना चाहते हैं उनकी साध-संगत आर्थिक रूप से मदद करके कोचिंग दिलवाएगी, ताकि वे अच्छे आॅफिसर बनके देश की सेवा कर सकें। पावन एमएसजी अवतार भंडारे के सुअवसर पर आशियाना मुहिम के तहत 15 परिवार को साध-संगत द्वारा बनाकर दिए गए पूरे मकानों की चाबियां भी पात्र परिवारों को सौंपी गई।

वहीं बेटी से वंश चलाने की अनुपम मुहिम कुल का क्राउन मुहिम के तहत दो शादियां हुई। इस मुहिम के तहत अब तक 40 शादियां हो चुकी हैं। सायं छह बजे पवित्र नारा धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा के साथ पावन एमएसजी अवतार भंडारे का आगाज हुआ। इस अवसर पर सभी पंडाल साध-संगत से खचाखच भरे हुए थे। जहां तक नजर पहुँच रही थी साध-संगत ही साध-संगत नजर आ रही थी। वहीं डेरा सच्चा सौदा की ओर आने वाले सभी मार्गों पर भी दूर-दूर तक संगत ही संगत नजर आई। इस अवसर पर कविराजों ने भक्तिमय भजनों के माध्यम से गुरु महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से फरमाया कि एमएसजी अवतार भंडारा चलाने वाले सच्चे मुर्शिदे कामिल परमपिता शाह सतनाम जी महाराज को हम बारंबार सजदा करते हैं। इस दौरान पूज्य गुरु जी ने साध-संगत को डेरा सच्चा सौदा की ओर से चलाए जा रहे 166 मानवता भलाई कार्यों में अधिक से अधिक भाग लेने के लिए साध-संगत को प्रेरित किया। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि बेपरवाह जी की दया मेहर रहमत से आज साध-संगत को समुद्रों के समुद्र खुशियां मिल रही हैं। इस पर साध-संगत ने दोनों हाथ खड़े करके हामी भरी। इसके पश्चात नेचर कैम्पेन से जुड़ी एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई। पावन भंडारे की समाप्ति पर आई हुई साध-संगत को सेवादारों ने कुछ ही मिनटों में लंगर भोजन व प्रसाद छकाया किया।

डेरा सच्चा सौदा ने 17 साल में लगाए 17 करोड़ से अधिक पौधे

प्रकृति की जीवन का आधार है। पर्यावरण प्रदूषण के चलते इन्सान का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा था। ऐसी स्थिति में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 2007 में ऐतिहासिक पौधारोपण महाभियान का बिगुल फूंका था, जिसके तहत पिछले 17 वर्षों में डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत की देश-विदेश की साध-संगत ने 17 करोड़ से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अहम् योगदान दिया है। पौधारोपण के क्षेत्र में डेरा सच्चा सौदा के नाम तीन विश्व कीर्तिमान भी दर्ज हैं। पूज्य गुरु जी के इस अभियान को अब देश की विभिन्न संस्थाओं के साथ-साथ देश की सरकारों ने भी अपनाया है। इस पर पूज्य गुरु जी ने प्रसन्नता जताते हुए सभी की प्रशंसा की। बता दें कि वर्ष 2007 में डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने पूज्य गुरु जी के अवतार दिवस पर अर्ज की थी कि हम आपको कुछ तोहफा देना चाहते हैं। इस पर पूज्य गुरु जी ने साध-संगत की इस अर्ज को स्वीकार करते हुए वचन फरमाए थे कि आप अगर हमें तोहफा ही देना चाहते हैं तो इस दिन आप पौधारोपण किया करें। यह मुहिम लगातार आगे बढ़ी तो प्रत्येक श्रद्धालु ने वर्ष में कम से कम 12 पौधे लगाने का संकल्प लिया। पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं पर चलते हुए साध-संगत अब अपने परिवार की हर खुशी-गम में पौधा लगाती है, जैसे जन्मदिन, विवाह, वर्षगांठ या फिर परिवार के किसी सदस्य की बरसी आदि। साध-संगत ने इन पौधों को लगाकर विशालकाय पेड़ बन जाने तक इनकी अपने बच्चों की तरह संभाल भी करती है। इसी के परिणाम स्वरूप आज 88 फीसदी से अधिक पौधे विशालकाय पेड़ बनकर धरा को जहां हरियाली से महका रहे हैं, वहीं आमजन को शुद्ध वायु का तोहफा दे रहे हैं।