आज समाज डिजिटल, Sirsa News:
हौसले जिनके चट्टान होते हैं, रास्ते उनके ही आसान होते हैं। ए-नादान न घबरा परेशानियों से, ये तो पलभर के मेहमान होते हैं। जी हां, उपरोक्त लाइनें पूरी तरह से चरितार्थ होती हैं सिरसा के रहने वाले जसपाल सिंह पर।
सुबह अखबार भी बांटते हैं जसपाल
कुछ इसी तरह के शख्स हैं जसपाल सिंह। वे सिरसा के गांव मलिकपुरा के रहने वाले हैं। जसपाल सिंह दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद भी निराश नहीं हुए। हौसले और जुनून के बल पर जसपाल सिंह आज भी किसी के मोहताज नहीं हैं। वे आज भी कई प्रकार के काम करते हैं और अपनी आजीविका खुद चलाते हैं। गांव में सुबह 6:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक घरों में अखबार बांटने का काम भी जसपाल सिंह करते हैं।
18 साल पहले छूट गया था हाथ का साथ
सिरसा से 45 किलोमीटर की दूर मलिकपुरा के जसपाल बताते हैं कि 2004 में ट्रांसफार्मर से करेंट के कारण हाथ चले गए। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। जसपाल ने बताया की खाना खाने में उन्हें थोड़ी परेशानी जरूर होती है, लेकिन अन्य काम आसानी से कर लेते हैं। वे बताते हैं कि उन्हें सरकार की तरफ से पेंशन भी मिलती है।
इसके अलावा वे समय-समय पर पेंट का काम भी कर लेते हैं। इससे उनका खर्चा चल जाता है। वे अपने आर्टिफिशल हाथ के सहारे लिख भी लेते हैं। परिवार की तरफ से उन्हें पूरा स्पोर्ट है। मौजूदा दौर में जहां कुछ लोग कठिन परिस्थितियों के सामने हार मान लेते हैं, वहीं वे दूसरों के लिए प्रेरणस्रोत बने हुए हैं। ऐसे लोगों के जज्बे को हर कोई सलाम करता है।
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