(Sirsa News) सिरसा। हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा के अनुज वरिष्ठ भाजपा नेता व श्री बाबा तारा जी कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा ने शिव चौक कांवड संघ,जय-जय कालोनी कांवड संघ और शिव चौक संघ के जत्थों को धर्मध्वजा दिखाकर हरिद्वार के लिए रवाना किया। इससे पूर्व पूजा पाठ किया गया। उन्होंने तीनों जत्थों को 41000-41000 रुपये की सहयोग राशि प्रदान की। वरिष्ठ भाजपा नेता गोबिंद कांडा डबवाली रोड स्थित संत कबीर वाटिका में पहुंचे जहां पर सबसे पहले उन्होंने संत कबीर की प्रतिमा के समक्ष पूजा अर्चना की।
जत्थों को दी 41000-41000 रुपये की सहयोग राशि
इस मौके पर संत कबीर वाटिका के प्रधान राजू लाडवाल,सतपाल राजा महासचिव, हवा सिंह खनगवाल, राजेंद्र लाडवाल, राजेश मोरवाल, रामधारी इंदौरा, बंसी कायत, बिट्टू सोलंकी, ओमप्रकाश बामनिया, गोपाल कायत, शंकर डाबला, विनोद फरंड, विनोद बामनिया, राहुल नागर, आशु नागर, टोनी, नरेंद्र कटारिया, विधायक के पीए हरि प्रकाश शर्मा, विजय यादव, संदीप शर्मा आदि मौजूद थे। शिव चौक कांवड संघ के प्रधान राहुल नागर, जय जय कालोनी कांवड संघ के प्रधान आशु नागर आदि मौजूद थे। जत्थों मे 51 कांवडिये शामिल थे। उन्होंने कांवडियों को ध्वजा दिखाकर हरिद्वार के लिए रवाना किया। पूरा पंडाल जय शिव शंकर, बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठा। इस अवसर पर आयोजकों ने गोबिंद कांडा को भगवान शिव की प्रतिमा भेंटकर उनका सम्मान किया। भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के बाद शिवभक्तों को संबोधित करते हुए गोबिंद कांडा ने कहा कि सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखकर शिव शंकर की पूजा करने, मंत्र जाप, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और व्रत आदि करने का विधान है। ऐसा करने से महादेव की कृपा से जीवन का संकट दूर होता है और पाप से मुक्ति मिलती है।
सावन, दक्षिणायन में आता है। जिसके देवता शिव हैं, इसलिए इन दिनों उन्हीं की आराधना शुभ फलदायक होती है। पुराणों के मुताबिक शिवजी को चढऩे वाले फूल-पत्ते बारिश में ही आते हैं इसलिए सावन में शिव पूजा की परंपरा बनी। स्कंद पुराण में भगवान शिव ने सनत्कुमार को सावन महीने के बारे में बताया कि उन्हें श्रावण बहुत प्रिय है। इस महीने की हर तिथि व्रत और हर दिन पर्व होता है, इसलिए इस महीने नियम-संयम से रहते हुए पूजा करने से शक्ति और पुण्य बढ़ते हैं। शिव पुराण में सावन के दौरान शिवलिंग की पूजा का महत्व माना गया है। इस महीने के दौरान, ब्रह्मांड शिव में दिव्य ऊर्जा भर जाती है, जिससे यह शिवलिंग की पूजा के लिए आदर्श समय बताया गया है। सावन चातुर्मास के दौरान पड़ता है और इस दौरान जगत पालनहार भगवान विष्णु सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव को सौंप देते हैं। इसी वजह से जो भी भक्त सावन में शिवलिंग की पूजा करता है, उसके जीवन की हर परेशानी दूर हो जाती है।
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