किसान संगठनों के पंजाब बंद के आह्वान का व्यापक असर
Punjab Closed Effect (आज समाज), चंडीगढ़ : किसानों की मांगें न माने जाने के विरोध में आज किसान संगठनों ने पंजाब बंद का आह्वान किया है। इसी के चलते पूरे प्रदेश में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। हालांकि किसान संगठन शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी तक कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। किसान नेता सवरण सिंह पंधेर पहले ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील कर चुके हैं।
किसान नेता पंधेर ने कहा कि उनकी ओर से पिछले 34 दिनों में उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के जजों को पत्र लिखे गए हैं, लेकिन किसी ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया और न ही बातचीत का प्रयास किया। खेती के विषयों पर संसद की स्थायी कमेटी की रिपोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट में एमएसपी गारंटी कानून बनाने के पक्ष में सिफारिश की गई, लेकिन केंद्र इन्हें भी मानने को तैयार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट भी केंद्र को इस विषय में कोई दिशा-निर्देश नहीं दे रहा है।
आज 4 घंटे के लिए नहीं चलेंगी बसें
पनबस व पीआरटीसी यूनियन ने भी बंद को समर्थन दिया है। इसी वजह से सुबह 10 से लेकर दोपहर 2 बजे तक चार घंटे सरकारी बसें नहीं चलेंगी। पंजाब बंद को लेकर यूनियन की बैठक हुई थी जिसमें यह फैसला लिया गया। यूनियन के प्रधान रेशम सिंह ने कहा कि किसानों ने सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक पंजाब बंद का आह्वान किया है, लेकिन पूरे दिन की हड़ताल संभव नहीं है। वह लोगों को परेशान नहीं करना चाहते। इसी वजह से वे चार घंटे तक किसानों का साथ देंगे। पीआरटीसी पंजाब और अन्य राज्यों में 577 रूटों पर बसें चलाता है। जो इस दौरान प्रभावित रहेंगी। ये बसें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड को कवर करती हैं। पीआरटीसी के नौ डिपो हैं, जहां से यह बसें नहीं चलेंगी।
केंद्र सरकार न मानी तो देश व्यापी हो सकता है आंदोलन
पंजाब में किसान संगठनों का आंदोलन पिछले 10 माह से भी ज्यादा समय से चल रहा है। पिछले 35 दिन से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। कैंसर और शूगर से पीड़ित इस किसान नेता की हालत लगातार गंभीर होते जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के दखल देने के बाद भी केंद्र सरकार डल्लेवाल के अनशन की तरफ ध्यान नहीं दे रही है।
इसी से खफा हरियाणा की 102 खाप पंचायतों ने रविवार को हिसार के बास गांव में महापंचायत की। जहां 5 घंटे की महापंचायत के बाद केंद्र सरकार को आमरण अनशन पर बैठे जगजीत डल्लेवाल से बातचीत करने के लिए 9 जनवरी तक का अल्टीमेटम दे दिया है। खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसी दिन यानी 9 जनवरी को मुजफ्फरनगर में देश की सभी खापों की महापंचायत बुलाई जाएगी। जिसमें कड़े फैसले लिए जाएंगे।
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