Aaj Samaj (आज समाज), Sikkim Flood Update, गंगटोक: सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से हुई तबाही में अब तक 19 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जिनमें 6 सैन्यकर्मियों के हैं। 100 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। सिक्किम के मुख्य सचिव वी बी पाठक यह पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बुधवार तड़के झील के ऊपर बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ की त्रासदी में 19 शव बरामद करने के अलावा सेना के 22 जवानों समेत 100 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। अधिकारियों ने बताया है कि सेना और एनडीआरएफ तीस्ता नदी के जलग्रहण क्षेत्र और उत्तर बंगाल के निचले हिस्से में गुरुवार को भी लापता लोगों की तलाश में जुटी रहीं।
22,034 लोग प्रभावित, 2,011 बचाए
पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल सरकार के मुताबिक 18 शवों में से चार की पहचान सेना के जवानों के रूप में की गई है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वे लापता 22 जवानों में से चार के शव हैं या अलग हैं। अधिकारियों के अनुसार घायल हुए 26 लोग सिक्किम के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने बुलेटिन जारी कर बताया कि आपदा के बाद से अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है, जबकि 22,034 लोग प्रभावित हुए हैं।
विभिन्न हिस्सों में फंसे हैं 3,000 से ज्यादा टूरिस्ट
सिक्किम के मुख्य सचिव वी बी पाठक ने कहा कि उन्हें सेना की 27वीं माउंटेन डिवीजन के अधिकारियों ने बताया है थ्क उत्तरी सिक्किम में लाचेन, लाचुंग और आसपास के क्षेत्रों में फंसे पर्यटक सुरक्षित हैं। एक अनुमान के मुताबिक, विदेशी नागरिकों सहित 3,000 से अधिक टूरिस्ट सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सेना ने अपनी दूरसंचार सेवा सक्रिय कर कई पर्यटकों को उनके चिंतित परिवार के सदस्यों से बात कराई है।
फंसे लोगों को निकालना सरकार की प्राथमिकता
मुख्य सचिव ने बताया कि फंसे हुए पर्यटकों को निकालना सरकार की प्राथमिकता है और उन्हें मंगन तक हवाई मार्ग से ले जाने का निर्णय लिया गया है, जहां से उन्हें सड़क मार्ग से सिक्किम लाया जाएगा। उन्होंने कहा, अगर मौसम अच्छा रहा तो लाचेन और लाचुंग में फंसे पर्यटकों को शनिवार से निकाला जाएगा। सेना व वायुसेना के हेलीकॉप्टर लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार थे, पर खराब मौसम के कारण उड़ान नहीं भर सके।
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