इशिका ठाकुर, कुरुक्षेत्र:
बंदी सिखों की रिहाई की मांग के लिए सड़कों पर सिख समाज सड़कों पर उतर आया। सिख जत्थेबंदियों और सैकड़ों सिखों का जत्था काले पट्टी लगाकर गुरुद्वारा साहिब छठी पातशाही से लघु सचिवालय रवाना हुए। इस मौके पर बोले सो निहाल के नारों से धर्मनगरी गूंज गई। सिख नेता अजराना बोले कि हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री 15 अगस्त को सिख कैदियों को रिहा करने की घोषणा करें।
बोले सो निहाल के जयकारों से गूंज उठी धर्मनगरी
कई राज्यों में सिख जत्थेबंदियों की ओर से रोष प्रदर्शन किया जा रहा है तो हरियाणा सिख परिवार प्रमुख कमलजीत सिंह अजराना के नेतृत्व में कुरुक्षेत्र में आयोजित रोष मार्च में सैकड़ों युवाओं और बाइक सवार सिख समाज के लोगों ने भाग लिया। हाथों में केसरिया निशान साहिब झंडे लेकर और काली पट्टी बांधकर सड़कों पर बोले सो निहाल के जयकारे लगाते हुए सिख समाज के लोग लघु सचिवालय पहुंचे। जहां उन्होंने रऊट अदिति को राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, सिख नेता कंवलजीत सिंह अजराना ने कहा कि सिख कौम देश के विकास,तरक्की, कल्याण और मानव भलाई को समर्पित है।
बोले- सिख समाज उपेक्षा का शिकार
उन्होंने कहा कि देश के लिए चाहे भारत-पाक या फिर भारत चीन या फिर कारगिल युद्ध हो सिख समाज ने सबसे ज्यादा कुर्बानियां दी है। उन्होंने कहा कि अपनी सजा पूरी कर चुके सिखों को हमेशा राजनीतिक उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। अजराना ने कहा कि देश को आजाद करवाने में सबसे अधिक कुर्बानियां देने वाले सिखों को कभी न्याय नहीं मिला। समय-समय पर सरकारों ने सिखों को दबाने के लिए ओछे हथकंडे अपनाए हैं। सिखों को हमेशा दूसरे दर्जे का शहरी माना गया है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण सजा काटने के बाद भी सिख कैदियों को रिहा न करना है।
15 अगस्त को हो सकती है रिहाई की घोषणा : अजराना
अजराना ने कहा कि सिख समाज को उम्मीद है इस 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिख कैदियों को जो सजा पूरी कर चुके हैं, को रिहा करने की घोषणा करेंगे।उन्होंने कहा कि अगर 20 20 साल की कैद के आरोपी रामरहीम को जमानत पेरोल मिल सकती है। लेकिन हमारे सिखों को आज तक जमानत नहीं मिली,बड़ी नाइंसाफी सिखों के साथ हो रही है। अजराना ने कहा कि अगर सिख कैदियों को अगर जल्द रिहा नहीं किया गया तो सिख समाज बड़ा मोर्चा खोलेगा और संघर्ष करेगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।