Signs of recovery in economy, GDP 4.7 percent in third quarter: अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत, तीसरी तिमाही में जीडीपी 4.7 फीसदी

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नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था में बीते लंबे समय से सुस्ती दिखाई दे रही थी। आर्थिक मंदी और सुस्ती को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा था। लेकिन इस बार पिछली तिमाही के मुकाबले थोड़ा सुधार देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को तीसरी तिमाही के आंकड़ों ने उम्मीद जगाई। शुक्रवार को जारी हुए तीसरी तिमाही के आंकड़ों में जीडीपी की दर 4.7 फीसदी रही। दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही थी। सरकार के अनुसार देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.7 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 5.6 प्रतिशत थी। एनएसओ ने 2019-20 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर को संशोधित कर 5.6 प्रतिशत तथा दूसरी तिमाही के लिये 5.1 प्रतिशत कर दिया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पिछले महीने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। वहीं, रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने की संभावना जताई है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर 2019 में 6 प्रतिशत रही जो 27 साल से अधिक समय का न्यूनतम स्तर है। वहीं कैलेंडर वर्ष 2019 में चीन की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही जो तीन दशक में सबसे कम है। इसके अलावा कोयला, रिफाइनरी उत्पादों और बिजली उत्पादन बढ़ने से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर इस साल जनवरी में बढ़कर 2.2 प्रतिशत रही। जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार पिछले साल जनवरी में बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर 1.5 प्रतिशत रही थी।

कोयला, रिफाइनरी उत्पादों और बिजली उत्पादन में क्रमश: 8 प्रतिशत, 1.9 प्रतिशत और 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आंकड़ों के अनुसार कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस तथा उर्वरक क्षेत्र में आलोच्य माह के दौरान गिरावट दर्ज की गयी। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी अवधि के दौरान बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 0.6 प्रतिशत रही है जो कि एक साल पहले इसी अवधि में 4.4 प्रतिशत रही थी। आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर में अगस्त 2019 से नवंबर 2019 तक गिरावट दर्ज की गयी थी।