चंडीगढ। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से चाहे अगामी दिनों में बंदिशों और सावधानियों के साथ कुछ छूटें देने के संकेत दिए गए हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने मंगलवार को घोषणा की कि कोविड के फैलाव की रोकथाम के लिए अन्य स्थानों से पंजाब आने वाले हरेक नागरिक को अनिवार्य 21 दिनों के एकांतवास पर भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नांदेड़ साहिब से आने वाले श्रद्धालुओं और राजस्थान से आने वाले विद्यार्थियों तथा मजदूरों को सरहद पर ही रोक कर सरकारी एकांतवास केंद्रों पर भेजा जाएगा, जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि 21 दिनों के लिए वह दूसरे लोगों के साथ घुल-मिल न सकें। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की सहायता के साथ पिछले तीन दिनों से लौट रहे लोगों के लिए राधा स्वामी सतसंग डेरों को भी एकांतवास स्थान के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह ऐलान कहा कि राज्य को कोविड-19 कफ्र्यू/लॉकडाउन की स्थिति में से बाहर निकालने की नीति घडऩे के लिए बनाई माहिरों की कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सभी सावधानियों का ख्याल रखते हुए उनकी सरकार कुछ ढील दे सकती है। मुख्यमंत्री मंगलवार को वीडियो कॉनफ्रेंस के द्वारा राज्य के कांग्रेसी विधायकों के साथ कोविड और लॉकडाउन की स्थिति में राज्य में चल रहे गेहूं के खरीद प्रबंधों संबंधी चर्चा कर रहे थे। विधायकों में बड़े स्तर पर इस बात पर सहमति थी कि सिर्फ कुछ क्षेत्रों में बहुत सीमित छूटों के साथ बंदिशों को कुछ और हफ्तों के लिए जारी रखा जाए।
पीपीसीसी ने पंजाब निवासियों को 1 मई को अपने घरों पर रोष स्वरूप तिरंगा फहराने की अपील की
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) ने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वह रोष स्वरूप आगामी 1 मई को अपने घरों पर तिरंगा फहराएं। पीपीसीसी ने कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहायता प्रदान करने के संबंध में गैर भाजपा सरकारों वाले प्रदेशों के प्रति केंद्र सरकार का रवैया पक्षपातपूर्ण रहा है, जिसके खिलाफ लोग यह प्रदर्शन करें। वीडियो कांफ्रेंस के दौरान संबंधित विचार पीपीसीसी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने व्यक्त किए, जिसका मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अनुमोदन किया।