Aaj Samaj (आज समाज),Shrutaradhak Kshullak Ratna 105 Shri Pragyansh Sagar Maharaj, पानीपत : जिनवाणी विद्या भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में अंगाराचार्य श्री 108 विनिश्चय सागर महाराज के सुशिष्य श्रुताराधक क्षुल्लक रत्न 105 श्री प्रज्ञांश सागर महाराज का मंगल संबोधन हुआ।इसके निवेदक श्री दिगंबर जैन पंचायत व जैन स्कूल सोसायटी पानीपत के सदस्य रहे। मुनि ने बच्चों के बीच आकर अपने अनमोल प्रवचनों की ऐसी बारिश की कि शायद वहां पर उपस्थित स्टाफ व गणमान्य व्यक्ति उनके वचनों को सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए। मुनि के परिचय में बताया 12 साल की आयु में घर छोड़कर मोक्ष प्राप्त करना शायद यह कोई छोटी बात नहीं है, क्योंकि 12 साल का बच्चा तो हर पल अपने परिवार से जुड़ा ही रहता है और उन्होंने 12 साल में अपना परिवार ही छोड़ दिया।
हमेशा विनय के साथ अपनी जिंदगी व्यतीत करना
उन्होंने बच्चों के मध्य आकर बताया कि विद्या एक विद्यार्थी के लिए और अन्य लोगों के लिए कितनी आवश्यक है। विद्या ग्रहण तो की जा सकती है, लेकिन इसका प्रयोग बुद्धि के अनुसार कहां और कब करना है। यह भी एक ज्ञान का विषय है। उन्होंने बच्चों को अपने जीवन में अच्छे पथ पर विनय और समर्पण के साथ अग्रसर होने का संदेश दिया और कहा कि आने वाले भावी भविष्य के आप निर्माता हो। आप हमेशा विनय के साथ अपनी जिंदगी व्यतीत करना। दिए गए प्रवचनों प्रवचनों के बाद बच्चों से प्रश्न पूछने पर और सही उत्तर प्राप्त करने पर गुरु के द्वारा उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। स्कूल प्रधानाचार्य नीलम गक्खड़ ने गणमान्य सदस्यों और मुनि का स्कूल के प्रांगण में पधारने पर आभार प्रकट किया। उनके दिए गए, दिशा निर्देश को अपने जीवन में लागू करने का प्रण किया।