Aaj Samaj (आज समाज),Shri Shaktipeeth Sankat Mochan Hanuman Temple 55th Anniversary,पानीपत: श्री हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में श्री शक्तिपीठ संकट मोचन हनुमान मंदिर, वार्ड नं. 9 का 55वां वार्षिकोत्सव के मौके पर तपोवन हरिद्वार से पधारे पूज्य चरण श्री गीताभागवत व्यास डा. श्री स्वामी दिव्यानंद महाराज के सान्निध्य में कथा के समापन दिवस पर दीप प्रज्जवलन मुख्य अतिथि ईश गुलाटी, लोकेश नांगरू, सुरेन्द्र रेवड़ी, गौरव चौपड़ा, रवि जुनेजा, सचिन लखीना ने किया। स्वामी दिव्यानन्द महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि श्री हनुमान जी में एक गुण पहचानने की शक्ति का भी था। उन्होंने विभीषण एवं रावण को इसी गुण से पहचाना। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय समाज में तनाव का एक कारण लोगों में पहचानने के गुण का अभाव है जिस कारण वे गलत संगति में फंस जाते हैं और बाद में पछताते हैं।
मैनेजमेंट कोर्स करना है तो वह हनुमान जी के निर्देशन में सीखे
हनुमान जी का चरित्र दर्शन, धर्म का सही मूल्यांकन है। सेवा, सिमरन, विवेक, बुद्धि बल, निराभिमानिता, धीरता, वीरता का समन्वय यदि यथार्थ में देखना है तो हनुमान चरित्र में दर्शन करो। तभी तो इन्हें ‘‘सकल गुण निधानम्’’ कहा गया है। सफलता के उच्चतम शिखर पर पहुँचने का यदि किसी ने मैनेजमेंट कोर्स करना है तो वह हनुमान जी के निर्देशन में सीखे। अहंकार और क्रोध का साकार रूप रखना अपनी अहंकारी दैत्यों की सभा में अशोक वाटिका को उजाड़ने वाले हनुमान जी बंदी के रूप में आते हैं। किन्तु पूरी तरह से निर्भीक निशंक? रावण को समझने में देर नहीं लगी कि इस व्यक्ति में कोई ऐसी दिव्यता है जो हनुमान जी को निर्भय बनाये हुई है। उन्हीं सद्गुणों को ग्रहण करने के लिए यह हनुमान जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर हेमन्त लखीना, महेश जुनेजा, पंकज सेठी, अमित जुनेजा, कैलाश नारंग, वेद सेठी, अशोक जुनेजा, कश्मीरी लाल, अशोक चुघ आदि उपस्थित थे।