नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
शहर के प्राचीन शिव मंदिर मोहल्ला सैनीपुरा में 9 दिवसीय श्रीराम कथा का शुभारंभ हुआ। कथा के शुभारंभ पर बीते दिवस महिलाओं ने शहर में भव्य कलश यात्रा निकाली। कथा के दूसरे दिन अयोध्या से पधारे स्वामी राम सुमिरन दास ने महिला पुरुषों को कथा का रसपान कराते हुए प्रभु श्रीराम के भक्त गोस्वामी तुलसीदास की रचनाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि श्रीराम की लीलाओं का जो वर्णन तुलसीदास जी ने किया है उससे हमें प्रभु श्री राम की तरह मर्यादित होकर अपने जीवन के उत्तरदायित्व को निभाना चाहिए।
9 दिवसीय श्री राम कथा का हुआ शुभारंभ
कथावाचक ने कहा कि आज पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रचलन के कारण जिस प्रकार से भारतीय संस्कृति के मूल्यों पर प्रहार हो रहा है, उसी के परिणामस्वरूप आज हमारी युवा पीढ़ी तेजी से भ्रमित हो रही है। ऐसे में यदि भारतीय संस्कृति वेदों, पुराणों, ग्रंथों में बताए प्रेरणा प्रसंगों का प्रसार नहीं किया गया, तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम हमारी भावी पीढ़ी को भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि विद्वान बनना आसान है। सुजान और महान बनना भी आसान है, लेकिन इंसान बनना कठिन है। श्री राम कथा आदर्श पथ पर चलने की प्रेरणा देती है। भगवान राम का चरित्र जहां एक ओर पारिवारिक रिश्तों की अहमियत को दर्शाता है। वहीं दूसरी ओर जाति-पाती के भेदभाव को मिटाकर मानव मात्र में सौहार्द की भावना जगाता है। इस मौके पर काफी संख्या में महिला श्रद्धालु उपस्थित रही।
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