- हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की
Aaj Samaj (आज समाज), Shri Krishna Janmashtami , मनोज वर्मा, कैथल:
श्री श्री रविशंकर द्वारा संचालित संस्था आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन उपलक्ष्य में सुम़धुर भजनों से सुसज्जित दिव्य भजन संध्या का आयोजन भव्य स्तर पर वेदविज्ञान महाविद्यापीठ कपिस्थल आश्रम कैथल में किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक सुनील खुराना एवं आचार्या अल्पना मित्तल ने बताया कि इस दिव्य आयोजन का शुभारंभ आचार्य दीपक सेठ एडवोकेट द्वारा दीप प्रज्वलन संग गुरु-पूजा के पश्चात् शैफाली खुराना द्वारा गणेश वंदना वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा गाकर किया गया। तत्पश्चात् दीपक सेठ द्वारा गाये गए भगवान कृष्ण-चरणों में समर्पित भावपूर्ण भजन छोटी छोटी गैयाँ छोटे छोटे ग्वाल, बीच में मेरो मदन गोपाल ने साधकों को भक्तिमय संगीत की अनंत गहराइयों में सराबोर करते हुए असीम ऊर्जा एवं दिव्यानंद की अलौकिक अनुभूति करवाई।
याशिका हसीजा एवं सिमरन हसीजा द्वारा मधुर स्वर में गाये गए कृष्ण-स्तुति के भावपूर्ण भजन कई जन्मों से बुला रही हूँ कोई तो रिश्ता जरूर होगा ने प्रत्येक साधक को मंत्रमुग्ध कर दिया। शेफाली खुराना द्वारा गुरु-चरणों में समर्पित भावपूर्ण भजन तू माने या न माने दिलदारा असां ते तैनूं रब मनेया ने सभी साधकों को गुरु-कृपा की दिव्य अनुभूति करवाई।
दीपक सेठ द्वारा कलात्मक संगीत से सुसज्जित कृष्ण-भक्ति के भजन हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की ने कृष्णमयी वातावरण की रचना करते हुए सम्पूर्ण वातावरण को अध्यात्मिकता की पवित्र खुशबू से सराबोर कर दिया। आचार्या अल्पना मित्तल ने परमपूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर को उद्धरित करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाने का पूरा सार, प्रतिकूल और अनुकूल दोनों परिस्थितियों में संतुलन बनाये रहना, प्रसन्न, केंद्रित और आनंदित रहना है।
इस अवसर पर आचार्या कंचन सेठ ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण को योगेश्वर भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि गीता-मनन करते हुए गीता-ज्ञान के अनुरूप जीवन जीना ही भगवान श्रीकृष्ण के प्रति सच्चा पूज्य-भाव होगा। कार्यक्रम के अंतिम चरण में भारत खुराना ने अधिक से अधिक लोगों को आर्ट ऑफ लिविंग परिवार का अभिन अंग बनने का आव्हान किया ताकि समाज के सभी वर्ग के लोगों के जीवन को सुरभित करने हेतु उनके जीवन में स्वस्थ व सकारात्मक दृष्टिकोण को उनकी जीवन शैली का अभिन्न अंग बनाते हुए दिव्य समाज निर्माण के दिव्य स्वप्न को मूर्त्त रूप प्रदान किया जा सके।
कार्यक्रम का समापन सभी साधकों द्वारा श्रीकृष्ण-आशीष सूचक प्रशाद ग्रहण करने से हुआ। इस भव्य आयोजन की सफलता तय करने में दीपक सेठ एडवोकेट, अल्पना मित्तल, कंचन सेठ, भारत खुराना, सुनील खुराना, पीयूष हसीजा, गीता खुराना, याशिका हसीजा, सिमरन हसीजा, शेफाली खुराना, सूरजभान शांडिल्य, विजया हसीजा, कृष्ण मिगलानी, गुलाब सिंह तथा कमल कान्त गाँधी आदि ने प्रमुख भूमिका निभाई।
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