- पद्मावती माता उपसर्गों का निवारण करती है : साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री
- आयड़ जैन तीर्थ में अनवरत बह रही धर्म ज्ञान की गंगा
Aaj Samaj (आज समाज), Shri Jain Shwetambar Mahasabha, उदयपुर 06 अक्टूबर:
श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ पर बरखेड़ा तीर्थ द्वारिका शासन दीपिका महत्ता गुरू माता सुमंगलाश्री की शिष्या साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री एवं वैराग्य पूर्णाश्री आदि साध्वियों के सानिध्य में शुक्रवार को पांच दिवसीय पंचान्ह्विका महोत्सव का शुभारम्भ हुआ।
महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आयड़ तीर्थ में पांच दिवसीय महोत्सव के तहत प्रात: 9.15 बजे स्व. जसवंत सिंह-राजकुमारी, सीमा, सुसीम-नीता, असीम, निष्ठा, हर्ष व राज सिंघवी की ओर से माता पद्मावती के जाप अनुष्ठान का आयोजन किया गया। उसके बाद दोनों साध्वियों के सानिध्य में आरती, मंगल दीपक, सुबह सर्व औषधी से महाअभिषेक एवं अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई।
जैन श्वेताम्बर महासभा के अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या ने बताया कि विशेष महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रवचनों की श्रृंखला में प्रात: 9.15 बजे साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री व वैराग्यपूर्णा ने बताया कि माता पद्मावती देवी का भव्याति भव्य रूप से पूजा- अर्चना – जाप – अनुष्ठान का श्रद्ध 4 एवं भक्ति भावना से आराधना हो रही है। श्रावक एवं श्राविकाएं अनुष्ठान करके अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है।
साध्वी ने बताया कि इस वर्तमान काल के अंदर श्री पाश्र्वनाथ परमात्मा की अधिष्टायी मां पद्मावती साक्षात् दिव्य स्वरूपा है इच्छिल फल को देने वाली माना है। उपसर्गों का कष्टों का निवारण करती है। सहयोग प्रदान अधिष्टियायिका मां की आराधना – उपासना करती है। श्रद्धा-पूर्वक हमें परमात्मा की एवं करनी चाहिए । चातुर्मास संयोजक अशोक जैन ने बताया कि आयड़ जैन तीर्थ पर पांच दिवसीय पंचान्ह्विका महोत्सव के तहत शनिवार को पाश्र्वनाथ पंच कल्याणक पूजा-अर्चना की जाएगी। प्रतिदिन सुबह 9.15 बजे से चातुर्मासिक प्रवचनों की श्रृंखला में धर्म ज्ञान गंगा अनवरत बह रही है।
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