Shri Jain Shvetambara Mahasabha :पद्मावती माता उपसर्गों का निवारण करती है : साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री

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साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री
साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री
  • पदमावती माता का जाप एवं एकासना किया
  • श्रावकों का तपस्या के क्रम में उन्नतीस दिन का तप जारी

Aaj Samaj (आज समाज), Shri Jain Shvetambara Mahasabha ,उदयपुर 28 जुलाई:
श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ पर बरखेड़ा तीर्थ द्वारिका शासन दीपिका महत्ता गुरू माता सुमंगलाश्री की शिष्या साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री एवं वैराग्य पूर्णाश्री आदि साध्वियों के सानिध्य में शुक्रवार को विविध आयोजन हुए । महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे दोनों साध्वियों के सानिध्य में पद्मावती माता का जाप एवं सामूहिक एकासना का आयोजन किया गया।

उन्होंने बताया कि प्रात: सवा नौ बजे शुक्रवार के दिन एकासना करवाने का लाभ सुन्दर लाल- विभा पिछोलिया परिवार ने लिया। तपस्या के क्रम में उन्नतीस दिन का तप चौद पूर्व तप का तप चल रहा है। प्रथम बियासना करवाने का लाभ दलपत-कमला मेहता परिवार की ओर से भक्तामर स्तोत्र पाठ के पश्चात पारसनाथ भगवान की चरण सेविका राजराजेश्वरी एक भवावतारी, पद्मावती माता का जाप करवाया गया। उसके बाद लाभार्थी परिवार का एकासना का पारणा किया गया।

चातुर्मास संयोजक अशोक जैन ने बताया कि प्रवचनों की श्रृंखला में प्रात: 9.15 बजे साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री व वैराग्यपूर्णा की पावन निश्रा में आज प्रकट प्रभावी माता पद्मावती देवी का जाप-आराधन हुई। साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री ने कहां कि आज वर्तमान काल में भी पद्मावती माता उपसर्गों का निवारण करती है। वर्तमान में सबारे आराधना और उपासना पाश्र्वनाथ भगवान की अधिष्टाईका मां पद्मवती की होती है। सदा-सदा के लिए प्रज्वलित ज्योति है. इस ज्योति से अवस्य अवश्य प्रकाश मिलता है। जैन श्वेताम्बर महासभा के अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या ने बताया कि आयड़ जैन तीर्थ पर प्रतिदिन सुबह 9.15 बजे से चातुर्मासिक प्रवचनों की श्रृंखला में धर्म ज्ञान गंगा अनवरत बह रही है।

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