Shri Jain Shvetambara Mahasabha साधु और श्रावक शासन के महत्त्वपूर्ण अंग है : साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री

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श्री जैन श्वेताम्बर महासभा
श्री जैन श्वेताम्बर महासभा

Aaj Samaj (आज समाज), Shri Jain Shvetambara Mahasabha, उदयपुर 22 जुलाई:

श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ पर बरखेड़ा तीर्थ द्वारिका शासन दीपिका महत्ता गुरू माता सुमंगलाश्री की शिष्या साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री एवं वैराग्य पूर्णाश्री आदि साध्वियों के सानिध्य में शनिवार को विशेष प्रवचन हुए।

नेमीनाथ भगवान का च्यवन कल्याणक जन्म कल्याणक महोत्सव आज

महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में दोनों साध्वियों के सान्निध्य में 23 जुलाई रविवार को सुबह 10 बजे से स्टेज कार्यक्रम बालब्रह्मचारी नेमीनाथ भगवान का च्यवन कल्याणक जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया जायेगा। इस दौरान श्रावक-श्राविकाओं द्वारा विशेष पूजा-अर्चान की जाएगी।

चातुर्मास संयोजक अशोक जैन ने बताया कि प्रवचनों की श्रृंखला में प्रात: 9.15 बजे साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री व वैराग्यपूर्णा ने चातुर्मासिक प्रवचन के माध्यम से बताया कि साधु और श्रावक शासन के महत्त्वपूर्ण अंग है। जिस दिन साधु और जावक नहीं रहेंगे, उस दिन शासन भी नहीं रहेगा। परमात्मा का शासन साधु और श्रावक दोनों से ही चलता है। और चलेगा। भगवान महावीर को केवलज्ञान प्राप्त हुआ तब देवताओं द्वारा समवसरण की रचना की गई परमात्मा ने देशना प्रारंभ भी की परन्तु शासन की स्थापना नहीं की- क्यों ? क्योंकि वहां ऐसा कोई जीन उपस्थित नहीं था जिसके अंदर धर्म के परिणाम जागृत हो सके। आज बहुत से लोग कहते है कि रराधर्मिक धनवान होंगे तो शासन चलेगा “परन्तु ज्ञानी कहते है कि “साधर्मिक धर्मी होंगे तो शासन चलेगा। एक बात हमें पष्ठस्री समझ लेनी है कि धर्म के बिना शासन नहीं चल सकता।

जैन श्वेताम्बर महासभा के अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या ने बताया कि आयड़ जैन तीर्थ पर प्रतिदिन सुबह 9.15 बजे से चातुर्मासिक प्रवचनों की श्रृंखला में धर्म ज्ञान गंगा अनवरत बह रही है।

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