- आयड़ जैन तीर्थ में चातुर्मासिक प्रवचन श्रृृंखला का पांचवां दिन
- पदमावती माता का जाप एवं एकासना आज
Aaj Samaj (आज समाज), Shri Jain Shvetambara Mahasabha ,उदयपुर 06 जुलाई:
श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ पर बरखेड़ा तीर्थ द्वारिका शासन दीपिका महत्ता गुरू माता सुमंगलाश्री की शिष्या साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री एवं वैराग्य पूर्णाश्री आदि संतों का गुरुवार को लोगस्स सूत्र पर आधारित चातुर्मासिक मांगलिक प्रवचन हुए।
महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में प्रवचनों की श्रृंखला में प्रात: 9.15 बजे साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री व वैराग्यपूर्णा ने लोगस्स सूत्र के विवेचन में बताया कि लोगस्स का पाठ उस क्षायिक दान को प्राप्त करने की सामथ्र्य देता है। तीर्थकर परमात्मा के द्वारा दिया गया वर्षीदान भी भव्य उत्तम आत्मा ही प्राप्त कर सकता है। तीर्थकरों का हमारे ऊपर अनंत अनंत उपकार है, उपकारी का स्मरण करने से, गुणानुवाद करने से पुण्यवानी बढ़ती है।
तीर्थकरों का जीवन दर्पण हमारे अन्तर के दोषों को दिखाते हैं
प्रभु का नाम हृदय को पवित्र बनाता है, शीतलता और शान्ति प्रदान करता है। तीव्र ज्वर में कोई सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रख दे तो कितनी शान्ति मिलती है, इसी प्रकार संसार की दावाग्नि से संतप्त प्राणी के लिए भगवान का नाम ही सहारा है। तीर्थकरों के नाम सुमिरण के साथ जीवन-दर्शन से हमारे जीवन की दिशा और दशा परिवर्तित हो जाती है। दर्पण चेहरे के दाग दिखाता है, और तीर्थकरों का जीवन दर्पण हमारे अन्तर के दोषों को दिखाते हैं। तीर्थकरों की स्तुति जीवन को सरस, सुंदर, समृद्ध और पूर्ण बनाने का अद्वितीय साधन है। तीर्थकरों की स्तुति से, स्मरण से, कीर्तन से भी हम जो चाहे वह पा सकते हैं।
जैन श्वेताम्बर महासभा के अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या ने बताया कि आयड़ जैन तीर्थ पर प्रतिदिन चातुर्मासिक प्रवचनों की श्रृंखला का आयोजन सुबह 9.15 बजे से होंगे। उन्होनें कहां कि शुक्रवार 7 जुलाई को पदमावती माता का जाप एवं एकासना किया जाएगा।
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