मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच वाकयुद्ध जारी है। लगातार शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा पर दबाव बना रही है। शिवसेना ने पहले ही कह दिया है कि महाराष्ट्र में सीएम शिवसेना का ही होगा। महाराष्ट्र में विधान सभा के चुनाव परिणाम आए आठ दिन से ज्यादा हो चुका है जनता ने शिवसेना-भाजपा गठबंधन को बहुमत तक पहुंचाया है। लेकिन इन पार्टियों की आपसी तालमेल में कमी कहें या यूं कि मुख्यमंत्री पद पर बात नहीं बन पा रही है जिसकी वजह से महाराष्ट्र में सरकार बनने में देरी हो रही है। अब शिवसेना भाजपा पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रही है। शिवसेना ने शनिवार को भाजपा नेता सुधीर मुंगंतीवार के बयान को आधार बनाकर भाजपा की आलोचना की। भाजपा नेता मुंगतीवार ने कहा था कि अगर राज्य में सात नवंबर तक सरकार नहीं बनी तो राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा। इस पर शिवसेना भड़की गई। पार्टी ने व्यंग्यपूर्ण तरीके से गठबंधन सहयोगी से पूछा कि क्या राष्ट्रपति की मुहर राज्य में उसके कार्यालय में पड़ी है? प्रदेश में 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद से ही सत्ता में साझेदारी को लेकर शिवसेना और भाजपा में खींचतान चल रही है। शिवसेना ने भाजपा को चुनौती दी कि वह प्रदेश में अगली सरकार बनाने का दावा पेश करे। प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल आठ नवंबर को पूरा हो रहा है। निवर्तमान सरकार में वित्त मंत्री मुंगंतीवार पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति शासन लगाने की ‘धमकी’ दी है क्योंकि राजनीतिक समीकरण साधने के लिये जांच एजेंसियों के इस्तेमाल जैसे ‘धमकाने वाले हथकंडे’ महाराष्ट्र में कारगर नहीं है। शिवसेना ने पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ में सवाल उठाया ‘मुंगंतीवार द्वारा दी गई इस धमकी से आम लोग क्या समझेंगे? इसका मतलब क्या यह है कि भारत के राष्ट्रपति आपकी (भाजपा की) जेब में हैं या राष्ट्रपति की मुहर महाराष्ट्र में भाजपा के दफ्तर में रखी है?’ ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने पूछा, ‘क्या ये लोग यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने में विफल रहने पर भाजपा राष्ट्रपति शासन थोप सकती है।’
‘महाराष्ट्र का अपमान …, क्या राष्ट्रपति आपकी जेब में हैं?’ शीर्षक वाले मराठी संपादकीय में मुंगंतीवार के बयान को ‘अलोकतांत्रिक तथा असंवैधानिक’ बताया गया है। पार्टी ने कहा, ‘यह बयान संविधान और कानून के शासन के बारे में अल्पज्ञान को दशार्ता है। यह धमकी तय व्यवस्थाओं को दर किनार कर चीजों को अपने मुताबिक करने की दिशा में एक कदम हो सकती है। यह बयान लोगों के जनादेश का अपमान है।’ प्रदेश में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को 105 सीटें मिली थीं जबकि 288 सदस्यीय सदन में शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं। प्रदेश में सरकार बनाने के लिये 145 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। संपादकीय में आगे लिखा गया है कि जो लोग राष्ट्रपति शासन की बात कर रहे हैं उन्हें पहले प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश करना चाहिए। इसमें कहा गया है, ‘राष्ट्रपति संविधान में सर्वोच्च प्राधिकार हैं। यह किसी व्यक्ति के बारे में नहीं, देश के बारे में है। देश किसी की जेब में नहीं है।’
बीएसएफ और पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग Punjab News Update (आज…
प्रदेश की नई पार्टी शिरोमणि अकाली दल वारिस पंजाब दे 2027 के विधानसभा चुनाव लड़ेगी…
ट्रेनी डॉक्टर के दुष्कर्म एवं हत्या कर दी थी संयज का घटना में शामिल होने…
औद्योगिक निवेश करने वाले किसी भी उद्योगपति को कोई भी परेशानी न आने दी जाए…
प्रदेश के 16 जिलों के 5951 लाभार्थियों को मिलेगा लाभ Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़…
पश्चिम बंगाल का रहने वाला है आरोपी Saif Ali Khan Stabbing, (आज समाज), मुंबई: बॉलीवुड…