नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने और मुख्यमंत्री पद की रार ने भाजपा और शिवसेना को अलग कर दिया। अब शिवसेना ने एनडीए से किनारा कर लिया और अब भाजपा को जोरदार तरीके से घेरा। शिवसेना ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन किसानों के मुद्दे पर संसद परिसर में ही विरोध प्रर्दशन किया। शिवसेना ने महाराष्ट्र के किसानों के लिए महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश को प्राकृतिक आपदा घोषित करने की मांग की। अपनी मांग लेकर शिवसेना के नेताओं ने संसद परिसर में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने धरना दिया। इसके अलावा शिवसेना ने फसलों के नुकसान पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू के संबोधन के साथ संसद के शीतकालीन सत्र की बैठक सोमवार सुबह शुरू हो गई है। पीएम मोदी ने सत्र शुरू होने से कुछ मिनट पहले मीडिया से कहा, ‘संविधान देश की एकता, अखंडता और विविधता को समेटे हुए है। जिस तरह से पिछला सत्र सभी दलों के सहयोग से चला था, इस बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद है।’बता दें कि यह शीतलकालीन सत्र दिसंबर 18 तक चलने वाला है।